नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में गो-हत्या के तीन आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. खुद कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया है. पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ''मध्य प्रदेश गोकशी मामले में एनएसए लगाया जाना गलत था. कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी की अगुवाई वाली मध्य प्रदेश सरकार को संकेत कर दिया है कि उनसे गलती हुई है.''


उन्होंने यह बयान  ‘अनडॉटेड: सेविंग द आइडिया ऑफ इंडिया’ किताब के विमोचन के मौके पर दिया. चिदंबरम से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि गोवध पर रासुका (एनएसए) नहीं लगनी चाहिए.





खंडवा जिले के मोघट थाने के खरखाली गांव में गो हत्या के मामले में पकड़े गए तीन आरोपियों के खिलाफ एनएसए की कार्रवाई की गई है. तीन आरोपियों में से दो को बीते शुक्रवार और एक को सोमवार को पकड़ा गया था. तीनों आरोपियों- नदीम, उसके भाई शकील व आजम पर एनएसए की कार्रवाई की गई है और तीनों जेल में हैं.


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पुलिस के अनुसार, नदीम आदतन अपराधी है और कई वारदातों को अंजाम दे चुका है. उस पर पूर्व में भी गौ हत्या का आरोप लग चुका है. पुलिस को सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका थी, इसी के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की थी. राज्य में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आने के बाद गौ हत्या के मामले में एनएसए की यह पहली कार्रवाई है.