नई दिल्ली: देश के सबसे चर्चित अयोध्या विवाद में अब पाकिस्तान का हाथ होने का दावा किया जा रहा है. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने खुलासा किया कि अयोध्या विवाद में पाकिस्तान की ओर से कट्टरपंथियों को फंडिंग की जा रही है.

मुस्लिम समाज के कट्टरपंथी लोग समाधान नहीं चाहते- वसीम रिजवी

वसीम रिजवी ने कहा है, ‘’ये विवाद एक कलंक की तरह हिंदुस्तान में फल फूल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सभी पक्ष मिलजुल कर फैसला करें तो अच्छा होगा. मैंने मुस्लिम समाज के सभी पक्षों से बात की है, लेकिन मुस्लिम समाज के कट्टरपंथी लोग इसका समाधान नहीं चाहते. उन्हें फंडिंग हो रही है. इसमें पाकिस्तान की भी दिलचस्पी है.’’

अयोध्या में मंदिर और लखनऊ में मस्ज़िद बनने दें- वसीम रिजवी

वसीम रिजवी ने आगे कहा, ‘’ये ऐतिहासिक सच्चाई है कि अयोध्या में मंदिरों को तोड़ कर मस्जिद बनाई गई.’’ उन्होंने कहा, ‘’अयोध्या में जो एक तिहाई हिस्सा मुस्लिम समाज को दिया गया गई उस सम्पति का मालिकाना हक सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड का नहीं, बल्कि शिया वक़्फ़ बोर्ड का है.  मैंने शिया वक़्फ़ बोर्ड के बोर्ड में एक प्रस्ताव रखा कि हम अयोध्या में मंदिर बनने दें और लखनऊ में एक मस्ज़िद बना लें.’’

बता दें कि कल ही शिया बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है, जिसमें विवादित जमीन पर अपना दावा जताते हुए अयोध्या में मंदिर बनाने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट में पांच दिसंबर से इस मामले पर रोज सुनवाई होनी है.

हम कानून बना कर राम मंदिर बनाएंगे- नरेंद्र गिरी

राम मंदिर को लेकर अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरी को उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आएगा. नरेंद्र गिरि ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया तो ठीक, नहीं तो राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार है. हम कानून बना कर राम मंदिर बनाएंगे.

आपको बता दें कि अयोध्या विवाद में शिया वक्फ बोर्ड अभी तक कोर्ट में पक्षकार नहीं रहा है. हाईकोर्ट में जो फैसला आया था, उसमें भी सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक तिहाई जमीन का हिस्सा दिया गया था. अब जब शिया वक्फ बोर्ड इसमें एंट्री मार चुका है तो विवाद में सुनवाई के दौरान नया मोड़ आने की गुंजाइश बढ़ गई है.