वाराणासी: काशी में आगामी 25, 26, 27 नवंबर को परमधर्मसंसद 1008 आयोजित हो रहा है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं. परमधर्मसंसद में राम मंदिर समेत सनातन धर्म से संबंधित सभी विषयों पर चर्चा के बाद 'धर्मादेश' जारी किया जाएगा. इस आयोजन में देश भर से 1008 सनातनी प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. धर्मसंसद के संयोजक, स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद की तरफ से जारी बयान के अनुसार, यह आयोजन काशी के सीरगोवर्धन गांव में हो रहा है, जिसमें देश भर से 1008 सनातनी प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और इसके संचालन के लिए स्वयं शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती तीन दिनों तक काशी में मौजूद रहेंगे.


स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंनद ने कहा, "वर्तमान समय में सनातन धर्म संक्रमण काल से गुजर रहा है. सनातनी परंपराओं और मूल्यों पर अनवरत प्रहार किए जा रहे हैं. क्योंकि धर्म की रक्षा का दायित्व सर्वप्रथम संतों का है, इसलिए यह धर्मसंसद बुलाई जा रही है."


स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार, धर्मसंसद में राममंदिर के साथ ही गंगा की दुर्दशा और सनातन धर्म से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा होगी और जिस मुद्दे को सबसे ज्यादा वरीयता दी जाएगी उसे प्राथमिकता के आधार पर सबसे ऊपर रखते हुए धर्मादेश पारित होगा. उन्होंने कहा कि इस धर्मादेश की चर्चा प्रयाग में होने वाले महाकुंभ में भी होगी.


बयान के अनुसार, सीरगोवर्धन में इस आयोजन के लिए 20 बीघे में अस्थायी परमधर्मसंसद 1008 के भवन का निर्माण हो रहा है. 180 गुणा 180 गुणा फुट में बन रहे इस भवन में कुल पांच द्वार हैं. उपस्थित होने वाले परम धर्मासदों, प्रवर धर्मासदों व धर्मासदों के बैठने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की गई है.


बयान के अनुसार, परमधर्मसंसद भवन में प्रथम तल पर गैलरी का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पत्रकार दीर्घा होगी. इसी स्थान से सनातनी जनता परमधर्मसंसद के भीतर चल रही धर्म-चर्चा को सुनने के साथ ही आगत विशिष्ट संतों के दर्शन भी प्राप्त कर सकती है. इसके अलावा परिसर में अस्थायी धर्मध्वजा स्थल, गोशाला, यज्ञशाला, अन्नपूर्णालय, कंप्यूटर कक्ष आदि का भी निर्माण किया जा रहा है.