सहारनपुर: एक बार फिर यूपी स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस लापरवाही के चलते एक व्यक्ति की जान चली गई. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एंबुलेंस में ऑक्सीजन ना होने के कारण एक 45 वर्षीय व्यक्ति उमेश शर्मा की जान चली गई. परिजनों ने 108 एम्बुलेंस पर लापरवाही और ड्राईवर पर बदतमीजी का आरोप लगाया है. साथ ही 108 नंबर के एंबुलेंस के हेल्पर ने ऑक्सीजन ना होने की बात भी स्वीकार कर ली है.


मामला सहारनपुर के थाना जनकपुरी इलाके के पुष्पांजलि विहार का है जहां पर रहने वाले उमेश शर्मा के परिवार ने उनकी हालत खराब होने पर 108 नंबर पर एंबुलेंस के लिए कॉल किया. कॉल करने के लगभग 20 से 25 मिनट बाद एंबुलेंस घर पर पहुंची. परिजनों ने एंबुलेंस चालक से पहले ही ऑक्सीजन होने की बात पूछी थी जिस पर ड्राइवर ने कहा था कि गाड़ी में ऑक्सीजन है.


जब परिजनों ने रास्ते में मरीज को ऑक्सीजन लगाने की बात कही तो एंबुलेंस ड्राइवर आनाकानी करने लगा. उसने कहा कि 10 मिनट में अस्पताल पहुंच ही जाएंगे. परिजन बार बार ड्राइवर से ऑक्सीजन लगाने की बात कहते रहे लेकिन उसने मरीज को ऑक्सीजन नहीं लगाया गया. जब मरीज को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.


परिजनों ने 108 एम्बुलेन्स की लापरवाही और ऑक्सीजन ना मिलने से एंबुलेंस ड्राइवर को उमेश शर्मा की मौत का जिम्मेदार बताया है. घरवालों ने कहा कि यदि गाड़ी में ऑक्सीजन मरीज को मिल जाती तो उसकी जान बच सकती थी. जिला अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने बताया अगर एंबुलेंस में ऑक्सीजन मौजूद होता तो मरीज बच सकता था.


एक तरफ जहां यूपी सरकार स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने में लगी है वहीं ऐसे ठेकेदार चालक और परिचालक उनकी कार्यशैली पर कालिख पोत रहे हैं. सभी अस्पतालों के ठेकों का लगभग निजीकरण कर दिया गया है जिसकी वजह से दुर्घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. यहां भी यह मामला सामने आया है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन रखरखाव का काम किसी प्राइवेट कंपनी को दिया गया है जिसकी लापरवाही ने एक व्यक्ति की जान ले ली.