पटना: राजधानी पटना स्थित पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर गुलाब चंद राम जयसवाल ने नीतीश सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में डिग्री की बिक्री हो रही है. शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के कॉलेज कैम्पस में गोलीयां-कट्टा चलाया जाता है और पुलिस देखती रहती है. उन्होंने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में ऐसी गिरावट है कि यहां नकल नहीं रोका जा पा रहा है. ये बातें उन्होंने उस मंच पर कही जब वहां बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा मौजूद थे.


बिहार में एक अखबार से बात करते हुए राज्य की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर उन्होंने अपना गुस्सा निकाला. वीसी गुलाब चंद राम जयसवाल ने कहा कि राज्य में सात साल तक ग़ायब रहने वाले छात्र भी पैसे देकर परीक्षा में शामिल हो जाते हैं. शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा के सामने वीसी ने कहा कि पैसा लेकर डिग्री देने से बिहार का सम्मान घटता है या बढ़ता है? उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार को अगर आगे ले जाना है तो लिफाफा संस्कृति को खत्म करना होगा.


बीएड डिग्री बेचने वाली दुकानें खुल चुकी हैं


गुलाब चंद जयसवाल ने शिक्षा मंत्री के सामने कहा, ''मंत्री जी बैठे हैं लेकिन मुझे सच्चाई बोलने में कोई डर नहीं है. बिहार में बीएड की दुकानें खुल गयी हैं जहां 90 हज़ार में 90 पर्सेंट और 80 हज़ार में 80 पर्सेंट चल रहा है. बीएड कॉलेज की मनमानी पर रोक लगाने पर आंदोलन करवाया जा रहा है.'' वीसी ने कहा, ''मैंने अपने विश्वविद्यालय में ये सब बंद कर दिया है. मेरे ऊपर भी आरोप लगाए जा रहे हैं लेकिन मंत्री जी के सामने कह रहा हूं कि अगर कोई आरोप सिद्ध कर दे तो इस्तीफ़ा दे दूंगा.''


विद्यार्थियों को संपूर्ण शिक्षा देनी जरूरी 


पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी के वीसी ने कहा, ''जबतक विद्यार्थियों को शारीरिक, मानसिक और चारित्रिक शिक्षा नहीं दी जाएगी तबतक उसका भौतिक विकास संभव नहीं है और जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक छात्र संस्कारी नहीं हो सकते हैं. तब तक हम देश के युवा पीढ़ी का सही निर्माण नहीं कर सकते.''


दूसरी तरफ वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के वीसी देवी प्रसाद तिवारी ने कैमूर में एक कार्यक्रम के दौरान कह दिया कि बिहार में नकल रोकना संभव नहीं है. वीसी ने कहा कि सेशन रेगुलर करने के लिए राजभवन भी तत्पर है और हम भी तत्पर है और आपने देखा भी होगा कि इधर कई परीक्षाएं भी हुई हैं. हमारी कोशिश है कि अगले जून तक पिछले सभी कार्य को समाप्त कर सेशनन रेगुलर किया जाए.


उन्होंने कहा, ''कदाचार मुक्त परीक्षा बिहार के लिए बहुत ही चैलेंजिंग विषय है और इसपर कुछ कहना संभव नहीं है. आज की तारीख में तीन दिन में एक साल का कोर्स पूरा किया जाता है और जब ये सवाल उनसे किया गया कि ये कैसे संभव है तो इसपर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि बिहार में कदाचार कभी रोका नहीं जा सकता है.


यह भी पढ़ें-


नागरिकता संशोधन बिल को जेडीयू ने कैसे समर्थन दिया? जानिए- इनसाइड स्टोरी