पटना: मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर 14 साल के नाबालिग को जेल भेजे जाने के मामले में जांच के बाद दो थानों के प्रमुखों सहित 12 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही एक अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मामले की जांच का आदेश दिए थे.
इस मामले की जांच के बाद पटना प्रक्षेत्र के आईजीपी नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि बाईपास थाना क्षेत्र में डकैती की योजना बनाते पांच लड़कों में तीन को गिरफ्तार किया गया था और दो फरार हो गए थे. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लड़कों के पास से चार मोटरसाइकिल बरामद हुई थी. जेल भेजे गए तीन लड़कों में नितेश कुमार, विशाल कुमार और पंकज कुमार शामिल थे. पंकज के माता-पिता ने शिकायत की थी कि मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर उनके नाबालिग बेटे को जेल भेज दिया गया है.
हसनैन ने बताया कि मामले की जांच के दौरान पता चला कि पंकज की गिरफ्तारी उस स्थान से नहीं हुई जहां दिखायी गयी थी. उसे उसके घर से गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान में पाया गया कि पंकज की गिरफ्तारी के समय उसके पास कोई सामान बरामद नहीं की गया बल्कि बाद में एक मोटरसाइकिल बरामद दिखायी गयी है. इस मामले में जो प्राथमिकी दर्ज की गयी, उसमें कई अनियमितताएं हैं और मुफ्त में सब्जी नहीं देने पर पंकज को जेल भेजे जाने के आरोप की जांच में यह बात सामने आई कि इसके कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं और आरोप भी सही नहीं है.
आईजीपी ने बताया कि एफआईआर में अनियमितताओं के मद्देनजर अगमकुआं के थाना अध्यक्ष कामाख्या सिंह को निलंबित कर दिया गया है और उनका मुख्यालय सहरसा के पुलिस उपमहानिरीक्षक मुख्यालय कर दिया गया है. बाईपास थाना अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद सिंह को निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय बेतिया कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि उस समय के अगमकुआं थाना के प्रभारी अध्यक्ष मुन्ना कुमार वर्मा को भी निलंबित कर दिया गया है. इसके अलावा अगमकुआं थाना के चार दूसरे अवर निरीक्षक, दो आरक्षी, बाईपास थाना के तीन आरक्षी और एक अन्य अवर निरीक्षक को भी निलंबित कर दिया गया है.
हसनैन ने बताया कि अगमकुआं थाना की छवि ठीक नहीं होने के मद्देनजर थाने के सभी पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन बुला लिया गया है और वहां नए सिरे से बहाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में पायी गयी अनियमितताओं को देखते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को फिर से जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह गंभीर मामलों पर खुद नजर रखें और अपने अधीनस्थों पर नियंत्रण रखें.
आईजीपी ने बताया कि प्रभारी पटना सिटी अनुमंडल अधिकारी हरिमोहन शुक्ला को इस मामले में दोषी पाया गया है. इनके निलंबन और विभागीय कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पटना के बेउर जेल में बंद पंकज को रिमांड होम भेजने के लिए कार्यवाही की जा रही है.