पटना: रविवार की सुबह हुई मूसलाधार बारिश के बाद राजधानी के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं, ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई जगहों पर घुटने तक पानी जम गया है, जिससे आम जन के आवागमन में कठिनाई हो रही है. लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि पटना से दो-दो सांसद होने के बावजूद कोई काम नहीं होता है. उनका कहना है कि विधायक और वार्ड पार्षद को तो कोई मतलब ही नहीं है. वे केवल वोट लेने वक़्त घूमते हैं, फिर गायब हो जाते हैं. उन्हें जमीनी कामों से कोई लेना देना नहीं है.
जलजमाव के संबंध में स्थानीय युवक मनोज कुमार ने बताया कि परेशानी तो सामने है. उन्होंने बताया कि जब भी तेज बारिश होती है तो लोहानीपुर में घुटने तक पानी जम जाता है और लोग नाव पर चलने को मजबूर हो जाते हैं. शुरू से यही स्थिति देखी है. पिछले बार जो स्थिति हुई थी वैसी कभी नहीं हुई थी. लेकिन अब पहले से भी ज्यादा परेशानी हो रही है.
वहीं जलनिकासी के संबंध में उन्होंने कहा कि यहां सुबह से ही मशीन चल रही है. लेकिन पानी में अभी तक कोई कमी नहीं है. ऐसे में मेरा कहना है कि जो भी विभाग सड़क या चैम्बर बनाती है, वह नगर निगम से आपस में सामंजस्य बैठा कर काम नहीं करती है. इसी वजह से परेशानी होती है. एलएनटी की ओर से रोड बनाया गया था पर वो धंस गया. इधर नगर निगम सीवरेज बनाने के लिए जहां-तहां गड्ढा खोदकर छोड़ देती है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सामंजस्य स्थापित करके काम होता तो शायद इस समस्या से निजता मिल सकता था. उन्होंने बताया कि यहां न तो विधायक आते हैं और ना ही वार्ड पार्षद. सभी अपने में ही मग्न हैं. सिर्फ वोट मांगने के समय में घूमते हैं. हम लोग का कहना है कि वोट की चिंता किए बगैर अगर आप विकास का काम करते हैं, तो आपको बिना घूमे ही वोट मिलेगा. जनता चाहती है कि उनके समस्या का समाधान हो.
वहीं स्थानीय अरविंद कुमार का कहना है कि मुझे समझ नहीं आता हमारे दो-दो विधायक पटना के हैं जो यहां के समस्या से अवगत भी हैं. इसके बाद भी समस्या का निदान नहीं हो पाता है. वह लगातार कई टर्म से जनप्रतिनिधि हैं. लेकिन उनके कार्यकर्ता और ठेकेदार की ओर से जो काम किया जाता है. नाला से लेकर रोड का वो बहुत ही घटिया किस्म का काम होता है. रोड से ऊंचा मेन हॉल बना दिया जाता है तो कहीं मेन हॉल में ढक्कन नहीं है.
अरविंद ने बताया कि ठेकेदार कहीं आधा रोड ही ढाल कर चला जाता है और जो ढाला गया है उसमे एक इंच भी लेबलिंग नहीं किया जाता है. नीचे पुराना पत्थर पर ही नई सड़क ढाल दी जाती है. यहां के लोकल लड़के को ठेका मिलता है वो जैसे-तैसे काम करके निकल जाता है और लोकल होने की वजह से उसे कुछ बोल भी नहीं पाते हैं. इसलिए विधायक से निवेदन है कि वो अपने विभाग से काम कराएं न कि अपने कार्यकर्ता और ठेकेदार को काम दें. जब विभागीय काम होगा तो उसमे सभी अधिकारियों के देखरेख में काम होगा तो ही सही काम होगा.
वहीं नगर निगम कर्मचारी सतीश कुमार मिश्रा ने कहा कि यहां सुबह 6 बजे से ही पंपिंग सेट चलाया जा रहा है और जल्द पानी निकल जाएगा. दरअसल मेन रोड से ढाई फिट नीचे होने के कारण यहां तालाब की तरह पानी इकट्ठा हो गया था. मशीन चल रहा है और पानी निकल जाएगा.
बता दें कि राजधानी में पिछले साल सितंबर के अंत में हुई बारिश की वजह से भीषण जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो गई थी. जिसके बाद राज्य सरकार और अधिकारियों ने यह दावा किया था कि इस बार राजधानी के लोगों को जलजमाव का सामना नहीं करना पड़ेगा. लेकिन इस बार भी शुरुआती बारिश ने ही सरकार के सारे कोरे दावों की पोल खोल दी है.