पटनाः पीयू (पटना विश्वविद्यालय) के छात्र संघ का चुनाव 7 दिसंबर 2019 को होना है. इससे पहले कैंपस में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. इस बार चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं. छात्र संघ चुनाव में बीजेपी समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और छात्र जेडीयू के बीच कड़ी टक्कर मानी जा रही है.


एबीवीपी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रौशन कुमार ने आगामी छात्र संघ को लेकर निश्चिंतता दिखाई है. रौशन कुमार ने अपने करीबी प्रतिद्वंदी छात्र जेडीयू को बरसाती मेंढक बताते हुए कहा है कि इस बार एबीवीपी ही सभी पैनल पर जीत हासिल करेगी.


जेडीयू भी चुनाव को लेकर एबीवीपी से दो-दो हाथ करने को तैयार है.अपनी जीत तय मान रहे छात्र जेडीयू उम्मीदवार नीरज कुमार नंदन ने बताया कि जिस प्रकार 2018 में अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर हमने जीत हासिल की थी उसी तरह हम इस सेंट्रल पैनल के सभी पदों पर अपना कब्जा जमाएंगे.


प्रशांत किशोर रहेंगे कैंपस चुनाव से अलग


जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बार छात्र संघ चुनाव से दूरी बना ली है. हालांकि, जेडीयू अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का कहना है कि कैंपस चुनाव होने की वजह से प्रशांत किशोर का ना होना बहुत असरदार नहीं होगा. गौरतलब है कि पिछले साल हुए छात्र संघ के चुनाव में प्रशांत किशोर ने कैंपस चुनाव में जेडीयू की रणनीति तैयार करने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था. प्रशांत किशोर के कैंपस चुनाव में एंट्री लेने पर कई नेताओं ने सवाल खड़े किए थे.


प्रशान्त किशोर ने एबीवीपी के कई छात्र नेताओं को अपने पाले में कर लिया था. इस वजह से बीजेपी और जेडीयू के बीच मतभेद सामने आ गया था. चुनाव के दिन प्रशांत किशोर वीसी से मिलने उनके घर चले गए थे जिसपर हंगामा खड़ा हो गया था. इसपर छात्रों ने घेराव कर लिया था. पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हमला भी हुआ था. पर इस बार प्रशांत किशोर ने पूरी तरह से अपने को अलग कर लिया है.


2018 में छात्र संघ चुनाव के अंतिम दिन हुआ था हंगामा.


विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की देर शाम विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात करने को लेकर छात्र संगठन और बीजेपी सहित विभिन्न राजनैतिक दलों ने जोरदार विरोध किया था. इस मामले में पटना के पीरबहोर थाना ने एबीवीपी के कार्यकर्ता को हिरासत में लिया था. इसके विरोध में बीजेपी के सभी नेता अपने कार्यकर्ता के पक्ष में थाने जा पहुंचे थे.


पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को प्रभावित करने के लिए कुलपति सहित सभी चुनाव पदाधिकारियों पर अपने उम्मीदवारों के पक्ष में दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और बीजेपी के स्थानीय विधायक नितिन नवीन ने कानून तोड़ने वाले प्रशांत किशोर के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की थी.


बीते साल छात्र संघ चुनाव परिणाम: साल 2018 में हुए चुनाव में जेडीयू और एबीवीपी के उम्मीदवारों ने बाजी मारी थी. जेडीयू ने अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पद पर बाज़ी मारी थी तो वहीं महासचिव, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर एबीवीपी में जीत दर्ज की थी.


सेंट्रल पैनल के प्रत्याशी


अध्यक्ष: अमित रंजन, सुनील राज, संतोष कुमार, आयुष, मुकुल कुमार, नीरज कुमार नंदन, वरुणी पूर्वा, रोशन कुमार, नीरज कुमार यादव, मनीष कुमार, प्राची और अंजनी सिन्हा.


उपाध्यक्ष: प्रियरंजन कुमार, सचिन मिश्र, निशांत कुमार, रीतेश कुमार, रोहित राज, अनुश्री, गुलाम रब्बानी, विवेक कुमार पटेल और सुमित कुमार गुप्ता


महासचिव: मो सबा करीम, बबलू कुमार, अग्रीमा राज, प्रियंका श्रीवास्तव, अपूर्वा प्रकाश झा, उज्जवल कुमार और विकास आनंद


कोषाध्यक्ष: अभिषेक कुमार, रोशन कुमार राजा, आकाश श्रीवास्तव, निशांत कुमार, वाजिद शम्स, राहुल कुमार, कोमल कुमार, अमरेश कुमार और विक्की कुमार


संयुक्त सचिव: चंदन कुमार, सन्नी कुमार, उज्जवल कुमार, हंसिका दयाल, आमिर राजा और अभिनव कुमार


हर उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहा है. कैंपस में कोई गीत संगीत गाकर मतदाताओं का ध्यान खींच रहा तो कोई विश्वविद्यालय की तस्वीर बदलने के सपने दिखा रहा है.


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