पटना: राजधानी पटना के अशोक राजपथ पर पटना यूनिवर्सिटी इलाके में 2 फरवरी को सरस्वती पूजा विसर्जन के दौरान हुए बम से हमले के विरोध में पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्र यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ रास बिहारी सिंह से मिलने पर अड़े रहे. आखिरकार छात्रों ने वीसी को बाहर आने को मजबूर कर दिया.
इसके बाद हॉस्टल और कॉलेज की समस्या के बहाने वीसी को खरी-खोटी सुनाने का सिलसिला शुरू हुआ. छात्रों ने आरोप लगाया कि इकबाल हॉस्टल में प्रेयर हॉल को मस्जिद बना दिया गया है. वहां कॉलेज के बाहर के छात्र आकर नमाज पढ़ते हैं. कॉलेज में बाहरियों की एंट्री हो रही है. कॉलेज में इतनी भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है कि स्टूडेंट कॉलेज नहीं आना चाहते हैं.
छात्रों का कहना है कि वह पटना यूनिवर्सिटी को जेएनयू, जामिया और एएमयू नहीं बनने देना चाहते हैं. मस्जिद से सीएए और एनआरसी के विरोध की बातें की जाती है. ये कॉलेज के छात्रों को अपने साथ शामिल करना चाहते हैं. कॉलेज के छात्र शामिल नहीं होना चाहते इसलिए उनके साथ अक्सर मारपीट की जाती है. 2 तारीख की घटना इसी का उदाहरण है. उनके ऊपर बम से हमला किया गया. इसलिए जो छात्र घायल हुए उनके समुचित इलाज की व्यवस्था यूनिवर्सिटी की तरफ से होनी चाहिए. वीसी छात्रों की बात धैर्यपूर्वक सुनते रहे.
छात्रों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पुलिस का जब मन होता है वो कैंपस में दाखिल हो जाते हैं. यहां पुलिस की कोई जरूरत नहीं है. इसके साथ ही छात्रों ने ये भी मांग की कि कैंपस के पास इलाहाबाद बैंक के नजदीक एनआरसी और सीएए को लेकर जो द्वार बना है उसे हटवाया जाए. वहां कॉलेज का अपना गेट लगाया जाए. उस रास्ते पर महिला छात्रवास से लड़कियों को आने जाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.