पटना: बिहार की राजधानी पटना के कई इलाकों में आज नौवें दिन भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है. नालों से निकली गंदगी और पानी की वजह से सड़ांध पैदा हो गई है. बीमारी का खतरा पैदा हो रहा है. इस बीच बिहार सरकार के बड़े अधिकारी भी कर्मचारियों के साथ कचरा हटाने में जुट गए हैं. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में होने वाले दुर्गा पूजा को सफल बनाने की कोशिश में जुटे हैं. नीतीश की कोशिश है कि बाढ़ से बदहाल रहे पटना में दुर्गा पूजा के मौके पर थोड़ी रौनक लौटे.


नीतीश के मंदिर दर्शन पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''आज से दुर्गापूजा का मेला शुरू हो गया है...मैं बिहार NDA की तरफ से उन सनातनियों से क्षमा मांगता हूं जहां पर बाढ़ के कारण पूजा ,पंडाल एवं मेला का आयोजन नहीं हो पाया है.''





आईएएस और बुडको यानि बिहार अर्बन इंफ्रास्टरचर डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन के एमडी अमरेंद्र सिंह को कचरा हटाते देखा गया. अमेरेंद्र सिंह पर पटना के संप हाउस चलाने की ज़िम्मेदारी थी. संप हाउस का काम है पटना की सड़कों के नीचे बने ड्रेनेज को पानी को खींचकर बड़े नालों में डालना. पर बारिश के दौरान संप हाउस पूरी तरह फेल हो गया.


अमरेंद्र सिंह के अलावा नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आईएएस चैतन्य प्रसाद को भी कूड़ों के बीच देखा गया. आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ भी दिन रात काम में जुटे हैं. इन अधिकारियों पर जलजमाव के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने पहले जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए?



मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को डाकबंगला चौराहा पहुंचे. जहां उन्होंने मां दुर्गा की पूजा की. यहां हर साल कोलकाता के कलाकारों के द्वरा भव्य पंडाल का निर्माण किया जाता है. पटना वासियों के लिए यह आकर्षन का केंद्र रहता है. सीएम ने पटना सिटी के हाजीगंज स्थित पटन देवी मंदिर पहुंचकर भी मां दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना की.






सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
बिहार की राजधानी पटना में आई बाढ़ के पानी की निकासी न होने से नाराज लोगों ने शनिवार को खिलाफ प्रदर्शन किया. पटना के दानापुर इलाके के निवासियों ने गोला रोड टी पॉइंट के पास सड़क पर जाम लगा दिया. इस दौरान लोगों ने टायर जलाए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम और अन्य सरकारी एजेंसियां छह दिन पहले बारिश बंद होने के बाद भी कॉलोनियों और अपार्टमेंटों से बाढ़ के पानी को बाहर निकालने में विफल रही हैं.


अधिकारियों के अनुसार, जलभराव वाले क्षेत्रों में राजेंद्र नगर, कंकड़बाग और कदमकुआं इलाके में रहने वालों को अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. यहां अभी भी तीन-चार फुट तक पानी जमा है. शहर में अभी भी जाम सीवेज और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किया जाना बाकी है.


पटना का बड़ा हिस्सा जलमग्न होने से पिछले चार दिनों में फलों और सब्जियों जैसी आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं. बिहार में हुई भारी बारिश के बाद पटना के अलावा 14 जिलों में बाढ़ आई है. राज्य में बाढ़ की वजह से मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा 73 तक पहुंच गया है.