वाराणसी: केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी के बावजूद वे इस कदम का स्वागत कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने को लेकर विपक्ष की आलोचना भी की.



उन्होंने कहा कि लोगों को नोटबंदी के कारण परेशानी हो रही है लेकिन वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का स्वागत कर रहे हैं जो व्यापक रूप से देश हित में है. मंत्री ने इस मामले को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने को लेकर विपक्ष की आलोचना भी की. उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘अप्रासंगिक’ मुद्दे उठा रही हैं.


सरकार ने पिछले महीने 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर पाबंदी लगा दी. इससे नकदी की कमी के बीच बैंकों और एटीम में लंबी कतारें लग रही हैं. विपक्ष योजना के सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने को लेकर सरकार की निंदा कर रहा है.


वह यहां इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जेम एंड जूलरी (आईआईजीजे) वाराणसी एक्सेंटशन कैंपस की आधारशिला रखने के लिये यहां आयी थी. मुंबई, नई दिल्ली, जयपुर तथा कोलकाता के बाद वाराणसी पांचवां केंद्र हैं जहां आईआईजीजे का परिसर होगा.


रत्न और आभूषण क्षेत्र का रोजगार सृजन पर सीधा प्रभाव: निर्मला


केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन ने रविवार को कहा कि दूसरे क्षेत्रों के विपरीत रत्न और आभूषण क्षेत्र रोजगार निर्माण पर सीधा प्रभाव डालता है. वाराणसी विस्तार परिसर में भारतीय रत्न और आभूषण संस्थान के शिलान्यास समारोह के अवसर पर अपने संबोधन पर उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रत्न और आभूषण जैसे उपक्षेत्रों के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों को उचित प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकतम रोजगार प्रदान किया जाता है.



निर्मला ने कहा कि इस पवित्र शहर में मानव सभ्यता का सबसे लंबा इतिहास है. इस शहर ने सदियों पूर्व भी शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया है.


उन्होंने कहा, "रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद, जीजेईपीसी यहां इस व्यवस्था को भी देखता है कि सालों पहले सामने आई प्रतिभाएं अभी तक खोई नहीं हैं और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न सिर्फ उनकी पहचान करें, बल्कि इस प्रक्रिया को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में उनकी पूरी सहायता करें."


मुंबई, नई दिल्ली, जयपुर और कोलकाता के बाद वाराणसी पांचवां केंद्र


रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अभिकल्पित परियोजनाओं में से एक स्किल इंडिया को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अपनी तरह के प्रथम भारतीय रत्न और आभूषण संस्थान (आईजीजे) की स्थापना कर रही है. देश के आईआईजीजे परिसरों में मुंबई, नई दिल्ली, जयपुर और कोलकाता के बाद वाराणसी पांचवां केंद्र है.


जीजेईपीसी के अध्यक्ष प्रवीण शंकर पांड्या ने कहा कि भारत में रत्न और आभूषण का सर्वोच्च निकाय जीजीईपीसी हमेशा से प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि से कौशल भारत सहित अनेक पहलों के माध्यम से भारत को विकास के पथ पर शीघ्रता से आगे बढ़ाने का हमेशा से समर्थन करता रहा है.


भारत में रत्न और आभूषण उद्योग ने 1966-67 में 280 लाख डॉलर से 2015-16 तक 38 अरब डॉलर तक की वृद्धि दर्ज की है. यह उद्योग संपूर्ण भारत में करीब 30 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है.