रामपुर: उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान को राहत देते हुए अदालत ने एक याचिका खारिज कर दी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बाजार दर से जमीन की कीमत का भुगतान किए बिना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन खरीदी.


अतिरिक्त जिला न्यायाधीश प्रतिभा ने अलिया गंज गांव के कुछ निवासियों द्वारा दायर मुकदमा खारिज कर दिया. इन लोगों ने दावा किया था कि उनकी जमीन जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए खरीदी थी.


निवासियों ने 2007 में दावा किया था कि खान ने बाजार दर से कीमत का भुगतान किए बिना विश्वविद्यालय के लिए जबरन जमीन खरीदी.


हालांकि, खान के वकील ने अदालत में दस्तावेजी सबूत पेश किया कि खरीदार जौहर ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय के लिए जमीन की खरीद की समूची राशि इसके मालिकों के बैंक खाते में 2005 के सर्कल रेट के अनुसार अंतरित की.


इसके अलावा बिक्री दस्तावेज का रजिस्ट्रेशन करने वाले सब-रजिस्ट्रार ने अदालत में कहा कि जौहर विश्वविद्यालय ट्रस्ट के नाम पर भूमि के पंजीकरण को अंतिम रूप भूस्वामियों की सहमति से दिया गया. साक्ष्यों का अध्ययन करने के बाद अतिरिक्त दीवानी न्यायाधीश ने याचिका खारिज कर दी.