वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आजादी के बाद देश पर शासन करने वाली कांग्रेस सरकारों ने भ्रष्टाचार समाप्त करने की न तो कभी कोशिश की और न ही उनकी ऐसी कोई इच्छा थी, लेकिन उनकी सरकार ने बीते साढ़े चार वर्ष में ऐसा करके दिखाया है.


राजीव गांधी का नाम लिए बिना, मोदी ने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री ने पहले कहा था कि अगर 100 रुपये लोगों के कल्याण के लिए केंद्र से भेजा जाता है तो प्रत्येक लाभार्थी तक केवल 15 रुपये ही पहुंचता है, जबकि बाकी 85 प्रतिशत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है.


उन्होंने कहा, "यह इस तथ्य को स्वीकार करना था कि यह व्यवस्था है जिसे लंबे समय तक देश पर शासन करने वाली पार्टी ने इस देश को दिया है, पार्टी ने कभी भी इसे रोकने का प्रयास नहीं किया. मध्यम वर्गीय करदाता गंभीरता से कर अदा करते रहे और 85 प्रतिशत की लूट होती रही."


उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम में कहा, "अब मैं आपको मौजूदा स्थिति बताता हूं. तकनीक का प्रयोग कर हमने इस पूरी 85 प्रतिशत चोरी को रोक दिया है. अगर हम सिस्टम में बदलाव नहीं करते तो, लूट चलती रहती. यह पहले भी हो सकता था, लेकिन ऐसा करने की कोई इच्छा नहीं थी, इरादा नहीं था."


मोदी ने कहा कि बीते साढ़े चार वर्षो में उनकी सरकार ने सीधे लाभ हस्तांतरण के जरिए कई परियोजनाओं के तहत करीब 5.78 लाख करोड़ रुपये लाभार्थी के खाते में दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर पुरानी प्रणाली जारी रहती तो, 4.91 लाख करोड़ रुपये भ्रष्टाचार के जरिए बर्बाद हो जाते.


मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने सात करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थियों की पहचान की और उन्हें हटाया है जो सिर्फ कागजों में ही थे. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार अब यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि सभी कल्याण योजनाओं में पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में स्थानांतरित किया जाए."