वाराणसी: केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने शनिवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 दिसंबर को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में ‘राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव’ में हिस्सा लेंगे और छात्रों को संबोधित करेंगे. महेश शर्मा केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में थे.



इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री ने संस्कृति मंत्रालय से जुड़ी एक वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.आरएसएमबीएचयू2016.इन (www.rsmbhu2016.in) की शुरुआत की.


महेश शर्मा ने किया संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन


केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) महेश शर्मा ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन में शनिवार शाम रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का उद्घाटन किया. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना के शताब्दी वर्ष में आयोजित इस आठ दिवसीय महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव देश की एकता अवं अखंडता को संवर्धित और संरक्षित करता है.


समारोह की अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने की. उद्घाटन समारोह का मुख्य आकषर्ण सुविख्यात शास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी की प्रस्तुति रही. इसके साथ ही समारोह में देश के विभिन्न राज्यों की कला व संस्कृति की अनेक विधाओं के मशहूर कलाकारों के श्रेष्ठ प्रदर्शन की झलकियां देखने को मिलीं. इनमें लोक गायन, लोक नृत्य, मलखम्ब, पूर्वोत्तर राज्यों व पंजाब के मार्शल आर्ट, हरियाणा के बिन-जोगी व नगाड़ा, केरल के पंचवाद्यम तथा राजस्थान के कच्ची घोड़ी व बहुरूपिया की झाकियां प्रमुख रहीं.


इस अवसर पर पर्यटन राज्य मंत्री ने सांस्कृतिक महोत्सव पर आधारित सरकारी वेबसाइट शुरू की. विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन सम्प्रेषण विभाग द्वारा अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र के सहयोग से संस्कृति महोत्सव पर विशेषांक ‘सांस्कृतिक संगम’ न्यूजलेटर के रूप में प्रकाशित किया गया.


देश को भ्रष्टाचार की आग में झोकने वाली पार्टी है कांग्रेस


वाराणसी में केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय में जनसमस्या की सुनवाई के लिए पहुंचे. महेश शर्मा ने देश में भ्रष्टाचार को बीमारी की तरह बताया. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को डूबती नाव और देश को भ्रष्टाचार की आग में झोकने वाली पार्टी करार दिया.



महेश शर्मा ने कहा, ''देश में भ्रष्टाचार, नकली नोट और आतंकवाद एक बीमारी की तरह छा चुकी है, जिसे डॉक्टर की जरुरत है. अगर किसी को मलेरिया रूपी बीमारी हो जाती है तो उसे कड़वी गोली खानी पड़ती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि अगर मेरी भावना और मेरी सोच में कहीं कोई खोट नजर आए तो आप मुझे चौराहे पर सजा दें. देश की जनता प्रधानमंत्री जी की सोच के साथ खड़ी है.''


केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बैंक की व्यवस्थाओं में कही ना कही अधिकारियों में कमियां पायी गई है, जो दोषी हैं उनको सजा दी जा रही है और जांच की जा रही है. पीएम ने 50 दिन का समय मांगा है और इस 50 दिनों में हम सभी अधिक से अधिक ई-वॉलेट लाने में लगे हुए हैं. आज भी इस देश में  लगभग 70 प्रतिशत लोग 50 रूपए से लेकर 2000 तक निकालने वाला ट्रांजेक्शन करते हैं.


समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन होने की चर्चा के प्रश्न पर कहा कि कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज है, उत्तर प्रदेश के चुनाव में उसकी 18 से 20 सीटे और कम हो जाएगी. इस देश को भ्रष्टाचार की आग में झोकने वाली कोई पार्टी है वह कांग्रेस पार्टी ही है जिसने 67 सालों में देश को यहां तक पहुंचा दिया है.



कला के मौलिक रूपों को संरक्षित रखने की जरूरत: महेश शर्मा


केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने शनिवार को कहा कि युवा पीढ़ी के बीच इस देश की महान संस्कृति को फैलाने में दिग्गज कलाकारों की भूमिका बहुत अहम है. उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं और संस्कृति के मौलिक रूपों को संरक्षित रखा जाना चाहिए और उसे बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए. उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'संस्कृति पर पुनर्गठित केंद्रीय सलाहकार बोर्ड (सीएबीसी) की दूसरी बैठक तक' की अध्यक्षता की.


बैठक में उपस्थित लोगों में सचिव (संस्कृति) ए.के. सिन्हा एवं बीएचयू के उप कुलपति जी.सी. त्रिपाठी समेत सुरेश तलवालकर, वासुदेव कामत, प्रो. एस.आर. लीला, एस.एल. भाईरप्पा, प्रांजल सेकिया, डॉ. वमन केंद्रेय, प्रो. एम.बालासुब्रमण्यम, प्रो. रहमान अली, उमा शर्मा, पंडित छन्नुलाल मिश्रा और विख्यात गीतकार समीर अंजान शामिल थे.


कुछ सदस्यों का विचार था कि 2018 में आयोजित होने वाला थियेटर ओलंपिक्स भारतीय थियेटर बिरादरी के लिए एक बड़ा वरदान साबित होगा. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव जैसे राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक समारोहों का आयोजन उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी किया जा सकता है.


सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि संगीत के क्षेत्र में काम करने वाले सक्रिय समूहों की सहायता की जानी चाहिए तथा युवा पीढ़ियों के बीच संस्कृत भाषा के महत्व को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.