लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करने शनिवार को आजमगढ़ पहुंचेंगे. वह यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके बाद वह शाम को वाराणसी में 33 परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे.


अधिकारियों के मुताबिक, मोदी दोपहर 12 बजे आजमगढ़ पहुंचेंगे. इसके अलावा राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहेंगे. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास करने के बाद मोदी 936.95 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे.




पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच सियासत शुरू हो गई है. अखिलेश के हमले पर योगी सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने पलटवार करते हुए कहा था कि उन्हें (अखिलेश यादव को) हर अच्छी योजनाओं का श्रेय लेने की आदत पड़ गई है.

अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए महाना ने कहा, "उन्हें हर अच्छी योजनाओं का श्रेय लेने की आदत पड़ गई है. अपने समय में तो उन्होंने कुछ काम किया नहीं, अब हर परियोजना का श्रेय खुद ही ले लेने का काम कर कर रहे हैं."


अखिलेश यादव ने अपने एक बयान में कहा है कि वह समाजवादी पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास पहले ही कर चुके हैं. अखिलेश के इस बयान के बाद औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने कहा, "जिसके समय में उत्तर प्रदेश में निवेशक आने से कतरा रहे थे, वे आज पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास की बात कर रहे हैं."

सतीश महाना ने कहा, "अखिलेश यादव जिस पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास की बात कर रहे हैं, उसमें उनकी तैयारी आधी-अधूरी थी. उनके समय में जमीन के अधिग्रहण के बिना ही सिविल टेंडर जारी कर दिए गए थे, जबकि नियम यह है कि जब तक एक्सप्रेस-वे की 90 फीसदी जमीन का अधिग्रहण नहीं हो जाता है तब तक टेंडर जारी नही किए जाते हैं."


महाना ने कहा, "अखिलेश सरकार ने 14,299 करोड़ रुपये का टेंडर आनन-फानन में जारी कर आधी-अधूरी परियोजना का शिलान्यास किया था, लेकिन जुलाई 2018 में योगी सरकार ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए काम किया. हमारी सरकार ने 12,784 करोड रुपये का टेंडर जारी किया और 95 फीसदी से अधिक जमीन का अधिग्रहण हो गया है."

उन्होंने कहा, "अखिलेश के समय में हुए टेंडर और हमारी सरकार के समय में हुए टेंडर में 1515 करोड़ रुपये की बचत हुई है. क्या इसी पैसे की बंदरबांट के लिए आनन-फानन में एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया गया था? हमारी सरकार ने सिस्टेमेटिक तरीके से पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे पर काम किया है. तब जाकर हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि प्रधानमंत्री 14 जुलाई को इसका शिलान्यास करने आ रहे हैं."