नई दिल्लीः अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी की रैली है लेकिन पीएम रामलला के दर्शन करने नहीं जाएंगे. अयोध्या के प्रमुख साधु संत इसे पीएम का संकल्प बता रहे हैं. संकल्प ये है कि जब तक रामन्दिर निर्माण का रास्ता साफ नहीं होता, तब तक पीएम रामलला के दर्शन नहीं करेंगे.


अयोध्या शहर से 35 किलोमीटर दूर गुसाईगंज तहसील में पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली है. सवाल ये पूछा जा रहा है कि आखिर पीएम मोदी क्यों रामलला के दर्शन करने नहीं जा रहे हैं. रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास कहते हैं जिसको आना है वो आए जिसको न आना हो न आए, सब कुछ राम की मर्ज़ी से होता है.


बीजेपी पर रामजन्मभूमि का राजनीतिक इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं. अयोध्या फैज़ाबाद के सांसद लल्लू सिंह कहते हैं कि मोदी वो काम कर रहे हैं जो भगवान राम ने किया है, गरीबों को मान सम्मान दिलाया है, उनको घर- बार दिलाया है, मोदी जी राम का ही काम तो कर रहे हैं, जब दर्शन का मन होगा तो दर्शन भी कर लेंगे.


अयोध्या में रामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी, आचार्य सतेंद्र दास जी महाराज का कहना है कि पीएम मोदी का संकल्प है कि जब भव्य मंदिर बनेगा तो उसकी नींव का पत्थर रखने यानी शिलापूजन करने ही वे आएंगे. रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रामविलास वेदांती भी यही मानते हैं कि पीएम मोदी का संकल्प है जब वो पूरा होगा तभी वे रामलाल के दर्शन करने आएंगे.


लोकसभा चुनावो में हिन्दू, हिंदुत्व के आसपास चुनाव प्रचार को घुमाने वाली बीजेपी को पीएम के रामलाल के दर्शन नहीं करने जाने पर साधु संतों का साथ मिल रहा है, जाहिर है साधु संतों को उम्मीद है कि भव्य मंदिर जब भी बनेगा बीजेपी या मोदी ही बनवाएंगे. इसीलिए वे दर्शन करने आने या न आने के मसले को तूल नहीं देना चाहते हैं.


TMC ने चुनाव आयोग से पीएम मोदी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की, हॉर्स ट्रेडिंग का लगाया आरोप


राहुल गांधी ने 'चौकीदार चोर है' वाले मामले में हलफनामे की गलतियों के लिए SC से मांगी माफी


बिहार: विरोधियों पर बरसे पीएम मोदी, कहा- चार चरणों के बाद कुछ लोग चारों खाने चित्त हो चुके हैं


नागरिकता विवाद: राजनाथ बोले- राहुल गांधी को गृह मंत्रालय का नोटिस मिलना बड़ी बात नहीं, यह सामान्य प्रक्रिया है


चिटफंड घोटालाः सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस के पूर्व प्रमुख से पूछताछ के लिये सीबीआई से मांगे सबूत