लखनऊ: पीएम मोदी आज यूपी के मगहर में थे. यहां उन्होंने कबीर को नमन किया और एक जनसभा को संबोधित किया. अपने ट्विटर अकाउंट पर पीएम ने लिखा कि उनकी बरसों की तमन्ना पूरी हो गई. पीएम के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे.

पीएम ने अपने भाषण के दौरान कहा,"माना जाता है कि मगहर में ही संत कबीर, गुरू नानकदेव और बाबा गोरखनाथ ने एक साथ बैठ कर चर्चा की थी."

पीएम मोदी की यह बात तथ्यातमक रूप से ठीक नहीं है. दरअसल बाबा गोरखनाथ का जीवनकाल, कबीर और नानक से पहले का है. इससे पहले भी प्रधानमंत्री की इतिहास संबंधी बातों पर सवाल उठ चुके हैं.

गोरखनाथ महाराज के बारे में माना जाता है कि वह 11वीं से 12वीं शताब्दी के नाथ योगी थे. वहीं सिख धर्म के प्रवर्तक गुरुनानक का जीवनकाल 1469 से 1540 माना जाता है. कबीर की बात करें तो उनका जीवनकाल 1455 से 1551 माना जाता है.

तो ऐसे में नाथ संप्रदाय के गुरु बाबा गोरखनाथ का इन दोनों महान संतों से मिलना असंभव बात लगती है. इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स की सरकारी वेबसाइट के मुताबिक तो मध्यप्रदेश की अमरकंटक नाम की जगह पर दोनों गुरूओं के बीच मुलाकात हुई थी.

हालांकि गुरु गोरखनाथ की नानकदेव या कबीर के साथ मुलाकात की कहीं कोई बात नहीं मिलती.