लखनऊ: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘जन्मपत्री’ सम्बन्धी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए आज कहा कि मोदी को जन्मपत्री निकालना और लोगों के बाथरूम में झांकना अच्छा लगता है. उन्हें लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में एसपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार आएगी, नतीजतन अपनी साख पर चोट पहुंचने की हताशा में वह ऐसी बातें कर रहे हैं.


मोदी को पसंद है दूसरों के बाथरूम में झांकना


राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में मोदी की ‘जन्मपत्री’ निकालने सम्बन्धी टिप्पणी पर कहा ‘‘मोदी को जन्मपत्री निकालना अच्छा लगता है...लोगों के बाथरूम में झांकना अच्छा लगता है, वह अपने बाकी समय में यह सब करें लेकिन रोजगार और सुरक्षा देने के सवाल पर वह विफल हो गये हैं, उन्हें यह लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में एसपी-कांग्रेस की सरकार आएगी, इससे उनकी विश्वसनीयता को धक्का लगेगा. वह जो बोल रहे हैं, वह उनकी हताशा है.’’


राहुल ने एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस में अपने गठबंधन के ’प्रगति के 10 कदम’ प्रतिबद्ध हैं हम’ संकल्प पत्र का विमोचन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में यह टिप्पणी की. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी पिछले दो साल से प्रधानमंत्री हैं. वह कांग्रेस की जन्मपत्री निकालें और आगे बढ़ें.


राहुल का यह बयान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद में की गयी उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रेनकोट पहनकर नहाना तो कोई पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सीखे. अपनी सरकार पर भ्रष्टाचार के इतने आरोप लगने के बावजूद मनमोहन के दामन पर एक भी दाग नहीं लगा. उन्होंने कल हरिद्वार में एक रैली में यह भी कहा था कि कांग्रेस के लोग ज्यादा ना बोलें क्योंकि उनके पास सबकी जन्मपत्री है.


''आज इंटरनेट का जमाना है.. सबकी जन्मपत्री निकलती है''


अखिलेश ने ‘जन्मपत्री’ संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा ‘‘यह चुनाव है. इसमें गुस्सा नहीं आना चाहिये. प्रधानमंत्री ने जो चीजें जमीन पर पहुंचायी हैं, उनके बारे में बताएं. आज इंटरनेट का जमाना है.. सबकी जन्मपत्री निकलती है. प्रधानमंत्री अगर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर चलें तो मैं कह सकता हूं कि वह भी एसपी-कांग्रेस को ही वोट देंगे.’’


अखिलेश ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में विपक्षियों के हमलों को उनकी हताशा का नतीजा करार देते हुए आज कहा कि विरोधियों के हाव-भाव और गुस्सा यह बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक चुकी है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बीएसपी मुखिया मायावती द्वारा उन पर व्यक्तिगत छींटाकशी किये जाने पर कहा कि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. इसमें ज्यादा भावुक होने या गुस्सा होने की जरूरत नहीं है. यह कहीं ना कहीं बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक गयी है.


अखिलेश ने कहा कि विपक्षी लोग एसपी और कांग्रेस के गठबंधन को दो कुनबों का गठबंधन कह रहे हैं लेकिन दरअसल यह दो युवाओं का गठबंधन है. हम युवाओं को जोडें़गे. हम किसी से कुछ छीन नहीं रहे हैं. हम ऐसा चाहते भी नहीं. मैं तमाम मतदाताओं का धन्यवाद देता हूं. पहले चरण का चुनाव हो रहा है. इसमें साइकिल और कांग्रेस को सबसे पहले वोट पड़ा है, और जो आगे होता है, वह आगे ही रहता है.


व्यक्तिगत नाराजगी को नहीं बनाना चाहिये राजनीतिक 


इमाम बुखारी और मौलाना कल्बे जव्वाद के बीएसपी को समर्थन देने के एलान के बारे में अखिलेश ने कहा कि व्यक्तिगत नाराजगी को राजनीतिक नहीं बनाना चाहिये. पहले वाले मौलाना पूर्व में बीजेपी के लिये वोट मांग रहे थे, अब बीएसपी को समर्थन दे रहे हैं. कहीं वह बीजेपी और बीएसपी का तालमेल तो नहीं करा रहे हैं. जहां तक दूसरे वाले मौलाना का सवाल है तो वह आखिरकार हमें ही आशीर्वाद देंगे.


राहुल ने कुछ सीटों पर एसपी और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशियों के खड़े होने को छोटा मुद्दा बताते हुए कहा कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा. गठबंधन में तालमेल नहीं होने की बात बिल्कुल गलत है. अखिलेश ने एक सवाल पर कहा कि बीएसपी मुखिया मायावती जो कभी बीजेपी के लिये वोट मांग रही थीं आज बीएसपी के लिये वोट मांग रही है. जनता जानती है कि बीजेपी के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार किसने मनाया था.