मेरठ: सहारनपुर में जहरीली शराब पीने से बीमार हुए लोगों की मौत का सिलसिला रविवार को भी जारी रहा. मेरठ के मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती 5 लोगों की आज मौत हो गई. अभी भी इमरजेंसी में भर्ती 5 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने आज हुई 5 मौतों की पुष्टि कर दी है. इस बीच सहारनपुर के देवबंद सीओ सिद्धार्थ को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है.


सहारनपुर जिलाधकारी आलोक पांडे के मुताबिक 8 फरवरी की शाम को जहरीली शराब पीने से बीमार 28 लोग मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजे गये थे. मगर अगले दिन 9 फरवरी तक इनकी संख्या 42 तक पहुंच गई. पहले दिन इलाज के दौरान 12 लोगों की मौत हुई और 6 लोग मेडिकल कॉलेज आते-आते दम तोड़ गये. यह आंकड़ा शनिवार देर रात का था.


इस बीच राज्य सरकार ने रविवार देर शाम इस घटना के लिए जिम्मेदार अफसरों पर चाबुक चलाना शुरू कर दिया है. देवबंद के सीओ सिद्धार्थ को शासन ने शुरूआती जांच में इलाके में अवैध शराब की तस्करी के लिए जिम्मेदार मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया है. शासन से जारी निलंबन आदेश में लिखा हुआ है कि सीओ सिद्धार्थ ने शराब की तस्करी रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जिसके फलस्वरूप यह घटना हुई और राज्य सरकार की छवि खराब हुई है.


डीएम सहारनपुर के आंकड़ो में मेरठ की मौतें शामिल नहीं


मेडिकल कॉलेज में मरने वाले बीमारों का आंकड़ा सहारनपुर के जिलाधिकारी ने भले ही नहीं बताया हो लेकिन मेरठ जिला प्रशासन और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन मौतों की पुष्टि की है. मेडिकल के ट्रामा सेंटर के प्रभारी मेडीकल आफिसर डॉ0 नवीन अग्रवाल ने बताया कि रविवार की सुबह से देर शाम तक पांच और लोगों की मौत हो चुकी है. अब तक मेडिकल कॉलेज में मरने वालों की तादात कुल 23 है. मेरठ मेडिकल कॉलेज में अभी भी 18 लोगों का इलाज चल रहा है. इनमें 5 ऐसे हैं जिनमें से कई की आंखों की रोशनी चली गई है और कुछ के शरीर के अंग काम करने बंद कर चुके हैं.


सहारनपुर प्रशासन कर रहा महज 36 मौतों की पुष्टि


सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक पांडे के मुताबिक सहारनपुर में इलाज करा रहे किसी भी मरीज की मौत की खबर रविवार को नहीं मिली है. शनिवार को जिलाधिकारी आलोक पांडे ने मरने वालों की संख्या 56 बताई थी जिनमें केवल 36 की मौत ही जहरीली शराब से होने की पुष्टि की गई थी. डीएम ने बाकी 20 लोगों की मौत अलग-अलग वजह से होना बताया था. उनके मुताबिक 20 लोगों की मौत संदिग्ध है. उसके पोस्टमार्टम के दौरान बिसरा सुरक्षित करके लैब को भेजा जा रहा है.


मौतों पर सपा ने साधा सरकार पर निशाना


समाजवादी पार्टी के नेता अतुल प्रधान ने जहरीली शराब से हुई मौतों की त्रासदी को जिला प्रशासन और आबकारी विभाग के अफसरों की नाकामी बताया है. अतुल प्रधान ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई न करके इस त्रासदी को सियासी रंग देना चाहती है. जबकि असलियत सब जानते हैं कि अवैध शराब का करोड़ों का कारोबार किस तरह अफसरों और माफिया की सांठगांठ से प्रदेश में फलफूल रहा है. सरकार को ऐसे हालातों में सियासत के बजाय कार्रवाई करनी चाहिए.