मेरठ से गायब हुए पाकिस्तानी इंदौर से हुए गिरफ्तार, जांच में जुटी पुलिस
खुफिया और सुरक्षा ऐजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन दोनों पाकिस्तानियों के ताल्लुक इंदौर और मेरठ में रहते हुए किसी देश-विरोधी संगठन से तो नहीं हो गए.
मेरठ: भारत में लांग-टर्म वीजा पर रह रहे दो पाकिस्तानी युवक दो महीने पहले अचानक गायब हो गए. जिले की खुफिया इकाई को जब पाकिस्तानियों के गायब होने के जानकारी लगी तो उन्होंने उनके खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया. मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में छुपे पाकिस्तानियों की एक हरकत पुलिस की नजर में आई तो पुलिस ने तेजी दिखाते हुए दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया.
पाकिस्तानी भाइयों के गायब होने पर दर्ज हुआ था केस
पाकिस्तान के कलात जिले के मस्तूल शहर के निवासी राधेश्याम के दो बेटे संजीव और जुगेश भारत में रोटी रोजगार की तलाश में कई साल पहले लांग-टर्म वीजा पर आए थे. इस वीजा के मुताबिक हर महीने जिले की खुफिया इकाई को रिपोर्ट करनी जरूरी है और वीजा हर साल रिन्यूवल होता है. मगर जून के तीसरे हफ्ते में दोनों पाकिस्तानी भाई अचानक गायब हो गए. खुफिया विभाग को पाकिस्तानियों के मेरठ आवास पर ताला पड़ा हुआ मिला तो खुफिया इकाई की निरीक्षक पूनम पुन्डीर ने दोनों भाइयों के खिलाफ धारा 14 विदेशी अधिनियम के तहत मेरठ के पल्लवपुरम थाने में केस दर्ज करा दिया. पुलिस लगातार पाकिस्तानियों की तलाश कर रही थी. एक सूचना के आधार पर पुलिस ने जब इंदौर के एक पते पर इन दोनो भाइयों को तलाशा तो दोनों पुलिस के हाथ आ गए. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है.
Meerut: Police arrested two Pakistani nationals who were residing in Meerut since a long time and had gone missing in the month of June this year. pic.twitter.com/2KF4ZLUxmk
— ANI UP (@ANINewsUP) August 19, 2018
पाकिस्तानी हिंदू भाइयों ने मेरठ में कर्ज लेकर खरीदा मकान
पाकिस्तानी हिंदू भाइयों के गायब होने की कहानी बेहद मार्मिक है. दरअसल भारत आने के बाद दोनों भाइयों ने मेरठ के पल्लवपुरम में छोटा सा कारोबार कर लिया और आनन्द निकेतन कालोनी में एक मकान खरीदकर रहने लगे. मकान खरीदने के लिेए दोनो भाइयों ने मकान को बैंक में बंधक करके लोन लिया था. एक वक्त ऐसा आया कि कारोबार ठप हो गया और दोनों भाई लोन चुकाने में नाकाम हो गओ. बैंक के डिफाल्टर होने पर जेल जाने से बचने के लिए दोनों एक दिन चुपचाप सामान लेकर मध्यप्रदेश चले गए और वहां जूनी थाने की पैलेस कॉलोनी में किराए पर रहने लगे. इधर मेरठ में उनके गायब होने के बाद बैंक ने उनके घर पर अपना ताला डाल दिया और पुलिस को उनके बारे में सूचना दे दी. किसी अनहोनी से आशंकित पुलिस ने दोनो भाइयों के खिलाफ केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू कर दी.
भारत की नागरिकता की चाहत में पुलिस के हत्थे चढ़े पाकिस्तानी
खुफिया इकाई के सीओ रतन नौलक्खा के अनुसार दोनों भाइयों ने मेरठ में रहने के दौरान भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन किया था. इंदौर में जब उन्हें रोजगार की ठीक संभावनाएं दिखी तो उन्होंने मेरठ में आवेदन की गई सिटीजनशिप एप्लीकेशन को इंदौर ट्रांसफर कराने की कोशिश की और बकायदा एक प्रार्थना-पत्र भी प्रेषित कर दिया. जांच मेरठ पहुंची तो पुलिस को दोनों भाइयों के इंदौर में होने का पता चला. पुलिस ने जानकारी की पहले तस्दीक की और फिर दोनों भाइयों को शनिवार को इंदौर से गिरफ्तार कर लिया. खुफिया और सुरक्षा ऐजेंसी अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन दोनों पाकिस्तानियों के ताल्लुक इंदौर और मेरठ में रहते हुए किसी देश-विरोधी संगठन से तो नहीं हो गए.