उन्होंने कहा था,"जब मौलाना तौकीर को पकड़ा गया था तो मैंने सबसे पहले बयान दिया था कि ये ज्यादती है. हम तो कांवड़ वालों के विरोध में हैं. जब लोग कांवड़ यात्रा का स्वागत कर रहे थे तब मैंने कहा कि ये लोग (गाली देकर) दारू पीने वाले हैं, गांजा पीने वाले हैं, ये कभी भगत नहीं हो सकते. अगर देश में अमन चैन बनाए रखना है तो इन भाजपाइयों को हराना होगा और इसके लिए समाजवादी पार्टी को राम से और शंकर से भिड़ना होगा, क्योंकि भाजपा की जान इसी में है. जैसे शैतान की जान तोते में होती है."
वीरपाल सिंह यादव ने था कि भाजपा ने अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश की है लेकिन समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है. उन्होंने स्थानीय बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे दंगा कराना चाहते हैं.
दरअसल मोहर्रम निपटने के बाद पुलिस ने ताजिये रखकर 6 घण्टे तक हाइवे जाम करने वाले और पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जिला पंचायत सदस्य समेत 36 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने 800 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है और उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिशें दे रही है जिस वजह से गांव के मर्द घर छोड़कर फरार हो गए हैं.
दरअसल ताजिये रोके जाने के विरोध में नेशनल हाइवे 24 पर नकटिया पुलिस चौकी के पास सैकड़ों ताजियेदारों ने सड़क पर ताजिये रखकर जमकर उत्पात मचाया था. हाथों में हथियार लेकर सरकार और पुलिस प्रसासन को अपशब्द कहे थे और 6 घण्टे तक हाइवे को बंधक बनाकर रखा था.
छोटे से धार्मिक विवाद से शुरू हुआ मामला अब घोर सांप्रदायिक और राजनीतिक हो गया है. सावन और मोहर्रम में हुए बवाल के बाद सपा और कांग्रेस के नेता मुस्लिमों के गांव उमरिया गए और बीजेपी के नेता हिन्दुओं के गांव खजुरिया गए. दोनों ही गांवों में भारी पुलिस तैनात है.
कांवड़ की इजाजत नहीं मिलने से नाराज ग्रामीण बोले- इस्लाम धर्म करेंगे कुबूल
यूपी: बरेली में कांवड़ यात्रा निकालने को लेकर दो समुदाय आमने-सामने, तनाव के बाद फोर्स तैनात