बिहार: सुपौल में हॉस्टल में लड़कियों से मारपीट मामले में एक महिला समेत 9 गिरफ्तार
आईजी पंकज दराद का कहना है कि सिर्फ स्कूल की वॉल पर गंदी बात लिखने के विरोध करने की वजह से लड़कियों के साथ मारपीट हुई. दोषियों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल की कोशिश की जाएगी.
पटना: बिहार के सुपौल में एक हाई स्कूल में लड़कियों से मारपीट करने के मामले में पुलिस की कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे हैं. पुलिस एफआईआर दर्ज होने की बात तो कह रही है, लेकिन एफआईआर की डिटेल जानकारी नहीं दे रही है. ऐसे में होस्टल वार्डन द्वारा पुलिस को दी गई शिकायत की कॉपी एबीपी न्यूज को मिली है. जिसमें पूरी घटना का जिक्र किया गया है छात्राओं के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार की बात कही गई है.
बड़ी बात यह भी है कि आईजी शनिवार को ही एफआईआर दर्ज होने की बात कह रहे हैं, जबकि वार्डन द्वारा पुलिस को शिकायत रविवार 7 अक्टूबर को दी गई है. इस मामले में पुलिस ने अब तक एक महिला समेत 9 लड़कों की गिरफ्तारी की है. जबकि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है.
एसडीएम के मुताबिक लड़कियों ने हॉस्टल वॉर्डन से 3 दिन पहले ही शिकायत की थी लेकिन वार्डन ने वो शिकायत आगे नहीं बढ़ाई जिसकी जांच समिति पड़ताल करेगी. वहीं पीड़ित बच्चियों का कहना है कि लड़के लगातार वॉल पर गंदी चीज लिख रहे थे जिसका हम विरोध कर रहे थे. लगभग 150 से 200 की भीड़ आई थी जिसने लाठी-डंडो, ईंट पत्थर और लात घूंसों से मारा.
विपक्षी पार्टियों ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा, ''यह एक सरकारी स्कूल है प्रशासन का फर्ज है कोई शिकायत करवाए या ना करवाए, प्रशासन को खुद करना है. आखिर बच्चियों की सुरक्षा का मामला है.''