लखनऊ: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि डाकिए की अहमियत अब सिर्फ खत बांटने तक सीमित नहीं रहेगी. डाक विभाग के ये कर्मी अब भारतीय डाक भुगतान बैंक के तहत सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर लोगों को उनके दरवाजे पर खाता खोलने पैसे जमा करने और निकालने जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं सुलभ कराएंगे.


उन्होंने कहा कि अब आपकी उंगली के निशान और डाकिया बैकिंग सेवा को आसान बनाएंगे. भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) के माध्यम से हम देश के हर नुक्कड़ और कोने तक पहुंचेंगे. बैंक और बैंकिंग सेवाएं हर व्यक्ति के दरवाजे पर उपलब्ध होंगी.


लखनऊ के जीपीओ में भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) की शुरूआत करते हुये लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय डाक विभाग से हम सबकों गौरव की अनुभूति होनी चाहिये यह दुनिया का सबसे बड़ा डाक (पोस्टल) नेटवर्क है और भारतीय संचार तंत्र की रीढ़ माना जाता है.


संचार तंत्र में नये नये बदलाव हो रहे है और भारतीय डाक विभाग कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रहा है.


उन्होंने कहा कि पहले डाकियों की काम सिर्फ डाक वित्तरित करने तक सीमित था लेकिन अब डाकिया अन्य बहुत सारे काम करेगा. जैसे- आपका पैसा जमा करना और निकालना, बिजली का बिल जमा करना और चालू खाता खोलना. यह सारी सुविधायें लोगो को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक से मिलेंगी.


उन्होंने कहा कि 1969 में इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था. इसके पीछे उनका उददेश्य आम जनता को बैंकिग प्रणाली से जोड़ना था. हालांकि हकीकत में बैंक केवल शहरों और बड़े कस्बों तक सीमित रह गये. भारतीय डाक भुगतान बैंकभारतीय डाक भुगतान बैंकभारतीय डाक भुगतान बैंक की आज शुरुआत हो रही है और आने वाले समय में देश के सभी डाकघरों में भुगतान बैंक की शाखायें खुल जायेंगी तो जनता को सहूलियत होगी.


राजनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनधन योजना शुरूआत की थी, जिससे झोपड़ी में रहने वाले लोगों के भी खाते खुल सके और करीब 30 करोड़ लोगों के खाते खोले गये. ऐसा इसलिये किया गया ताकि बैकिंग सिस्टम से कोई भी अछूता न रह जाये.


केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि आम आदमी को सारी सुविधायें उसके दरवाजे पर मिल जाये. डाकिया अब संकटमोचक की भूमिका निभायेगा. यह कोई छोटा काम नहीं है बल्कि बहुत बड़ा काम है.