ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 77वें स्थान पर पहुंचा भारत, प्रशांत किशोर बोले- ये सरकार के दृढ़ निश्चय को दिखाता है
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से अर्थ है कि देश में कारोबार करने में कारोबारियों को कितनी आसानी होती है. कारोबार के नियामकों और उनके नियमों के मुताबिक 10 मानकों पर कारोबार करने की शर्तों को देखा जाता है कि किसी देश में ये कितना आसान या मुश्किल है.
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नई दिल्ली: विश्व बैंक की ताजा ईज डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर 2019) में भारत व्यापार करने की सुगमता में 77वें स्थान पर पहुंच गया है. साल 2017 की 100वें स्थान से उछाल भरकर भारत 77वें स्थान पर आ गया. अब भारत की इस सफलता को लेकर जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि ये बदलवा के प्रति सरकार के दृढ़ निश्चय को दिखाता है. इसके साथ ही उन्होंने एचडीआई (ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स) रैंकिंग में भी सुधार देखने की उम्मीद जताई.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ''शानदार! महज चार सालों में ईज डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 144 से 77वें स्थान पर पहुंच गया. ये बदवाल के प्रति सरकार के दृढ़ निश्चय को दिखाता है. एचडीआई जैसे प्रमुख संकेतकों पर भारत की रैंकिंग में सुधार के लिए समान ध्यान और प्रयास देखने की उम्मीद है, जिसमें भारत का पोजिशन साल 2014 से 130वां है.''
Kudos! In just 4 yrs, India moves ⬆ from 144 to 77 on Ease of Doing Business ranking. Shows how determined Govt efforts bring remarkable change! Hope to see similar focus & effort to improve India’s ranking on key indicators like HDI, that remains static @ ~130th rank since 2014
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) November 1, 2018
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस
ईज ऑफ डूईंग बिजनेस से अर्थ है कि देश में कारोबार करने में कारोबारियों को कितनी आसानी होती है. कारोबार के नियामकों और उनके नियमों के मुताबिक 10 मानकों पर कारोबार करने की शर्तों को देखा जाता है कि किसी देश में ये कितना आसान या मुश्किल है. डूईंग बिजनेस रैंकिंग डिस्टेंस टू फ्रंटियर (डीटीएफ) के आधार पर तय किया जाता है और ये स्कोर दिखाता है कि वैश्विक मानकों पर अर्थव्यवस्था कारोबार के मामले में कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है. इस साल भारत का डीटीएफ स्कोर पिछले साल के 60.76 से बढ़कर 67.23 पर आ गया है.
कारोबार की सुगमता में किसी देश की रैंकिंग के जो 10 पैमाने होते हैं उसके 10 में से 7 संकेतकों में विश्व के सबसे अच्छे मानकों के भारत और करीब पहुंच गया है. पहले ये 10 में से 6 मानकों के सबसे अच्छे होने की स्थिति में था. हालांकि सबसे अच्छी बात ये है कि निर्माण की गतिविधियों के पैमाने पर देश ने सबसे अच्छी प्रगति हासिल की है और ये सीमाओं के पार भी फैल रहा है.
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