मुजफ्फरपुर: जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (पीके) ने नया दांव चल दिया है. पीके ने मुजफ्फरपुर स्थित बिहार विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को जेडीयू छात्रसंघ में मिला लिया है. ये दोनों एबीवीपी के सदस्य हैं. प्रशांत किशोर ने बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को तोड़ने पर कहा कि उन्होंने गठबंधन धर्म को नहीं तोड़ा है.


प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे एबीवीपी का सदस्य हो या फिर किसी भी पार्टी का हो, जो नीतीश कुमार के नेतृत्व से प्रभावित होंगे वो पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. मेरे पास भी कई ऑप्शन थे लेकिन मैंने नीतीश कुमार का दामन थामा. जेडीयू ज्वाइन करने वाले पहले एबीवीपी के थे, आज वो जेडीयू में आ गए हैं. इससे एनडीए मजबूत रहेगी. वहीं दलगत आधार पर पंचायत चुनाव लड़ने के मुद्दे पर पीके ने कहा कि मेरी और नीतीश जी की यह राय है कि चुनाव दलगत आधार पर ही हो. लेकिन अन्य पार्टियों की राय भी सामान होनी चाहिए.


बता दें कि प्रशांत किशोर युवाओं को पार्टी में शामिल कराने को लेकर सक्रिय हैं. हाल ही में उन्होंने कई लोगों से पार्टी से जोड़ा है. पटना छात्रसंघ चुनाव में भी पीके ने जेडीयू को जीत दिलाई. छात्रसंघ चुनाव में छात्र जेडीयू के उम्मीदवार मोहित प्रकाश ने अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया था. मोहित प्रकाश ने एबीवीपी के अभिनव कुमार को 1211 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. प्रशांत किशोर की भूमिका के चलते छात्रसंघ चुनाव के दौरान बीजेपी और जेडीयू आमने सामने भी आ गई थी. पीके के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन भी किया था.


गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रशांत किशोर ने काम किया था. 2014 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली की तख्त तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. इसके बाद 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू के लिए इन्होंने चुनावी रणनीति तैयार की. नीतीश के नेतृत्व में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस वाली महागठबंधन की सरकार बनी.


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