पटना: बिहार में सत्ताधरी जनता दल (यूनाइटेड) की कल एक अहम बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में इस साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा होने की उम्मीद है. इस बैठक में पार्टी के सभी पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों को बुलाया गया है, लेकिन पार्टी के नेता प्रशांत किशोर को अभी तक बुलावा नहीं भेजा गया है. जेडीयू के एक नेता ने बताया कि "28 जनवरी को पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में एक बैठक आयोजित की गई है. संभावना है कि इस बैठक में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी."
बिहार के सूचना और जनसंपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार ने बताया कि इस बैठक में सांसद, विधायक, विधान पार्षद, संगठन प्रभारी, पार्टी पदाधिकारी, सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी को बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि राजगीर में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था, जिसमें कई लोगों को प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे.
इस बैठक में हालांकि प्रशांत किशोर को आमंत्रित नहीं किया गया है. जेडीयू के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने के अनुरोध पर बताया कि बैठक में प्रशांत किशोर शामिल नहीं हो रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि बीते दिनों प्रशांत किशोर द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों से न सिर्फ पार्टी असहज महसूस कर रही है, बल्कि स्वयं नीतीश कुमार भी कई बार दुविधाजनक स्थिति झेल चुके हैं. ऐसे में प्रशांत किशोर को पार्टी अब बाहर का रास्ता दिखाने के मूड में है.
सांसद ललन सिंह ने प्रशांत किशोर के संबंध में पूछे जाने पर कहा, "पार्टी का जो चरित्र है और जो विचारधारा रही है, उसमें है कि पार्टी को जितना मजबूत करेंगे, पार्टी के नेता जितना मजबूत होंगे उतना ही हमलोग मजबूत होंगे, हमलोगों की ताकत बढ़ेगी. कुछ लोगों की सोच होती है कि पार्टी के नेता जितने दबाव में रहेंगे, उतना हमें 'वैल्यू' मिलेगा. यह सोच में अंतर है."
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बता दें कि पार्टी ने प्रशांत किशोर को दिल्ली चुनाव के स्टार प्रचारकों की सूची में भी स्थान नहीं दिया है और न ही राजगीर में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में उन्हें आमंत्रित किया गया था. प्रशांत किशोर सीएए-एनआरसी के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हैं और अमित शाह से लेकर सुशील मोदी तक को निशाने पर ले रहे हैं.