CAA के विरोध और अमित शाह पर पलटवार के बीच किधर जाएगा प्रशांत किशोर का रास्ता?
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से ही जेडीयू नेता प्रशांत किशोर पार्टी लाइन से हटकर इसका विरोध करते नजर आ रहे हैं. पीके द्वारा अमित शाह को दिए जा रहे जवाबों के बाद जेडीयू से ही उनके खिलाफ स्वर उठने शुरू हो गए हैं.
पटना: जेडीयू नेता और रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर निशाना साध रहे हैं. प्रशांत किशोर द्वारा अमित शाह को दिए जा रहे जवाबों पर जेडीयू के तीन नेता मुखर होकर विरोध कर रहे हैं. इनमें राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, आरसीपी सिंह और संजय झा का नाम शामिल है. ये तीनों नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं. पीके के इस तरह के बयानों के बाद उनके जेडीयू के साथ भविष्य पर अटकलें लगना शुरू हो गईं हैं.
अमित शाह का लगातार विरोध कर रहे पीके
पिछले दिनों गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए के समर्थन में लखनऊ में रैली की थी. जिसमें उन्होंने सीएए को लागू करने की बात कही थी. इसका जवाब देते हुए पीके ने ट्वीट किया था, "नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता है." उन्होंने आगे लिखा, "अमित शाह अगर आप सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं तो आगे बढ़िए और उस क्रॉनोलॉजी में सीएए और एनआरसी को लागू करिए, जो आपने राष्ट्र के लिए इतनी बड़ी घोषणा की है."
वहीं अब पीके ने अमित शाह के हाल ही में ईवीएम वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. अमित शाह ने कहा था, "इस बार वोटिंग मशीन पर कमल के निशान पर बटन दबाओ तो इतने गुस्से में दबाना कि बटन आपके क्षेत्र में दबे और करंट शाहीन बाग में लगे." जिसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने लिखा, "आठ फरवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा. ज़ोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द ख़तरे में ना पड़े."
जेडीयू के नेता कस रहे प्रशांत किशोर पर तंज
वहीं दूसरी तरफ जेडीयू के कुछ नेता प्रशांत किशोर पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. जेडीयू नेता ललन सिंह ने कहा, "कुछ लोग राजनीति करते हैं और व्यापार भी. दोनों मिला दीजिएगा तो घालमेल हो ही जाएगा. इनके अलावा संजय झा ने पीके का बिना नाम लिए उन पर तंज कसा, उन्होंने ट्वीट किया, "कुछ स्वार्थी और महत्वाकांक्षी लोग विश्वास और पार्टी के सम्मान को दरकिनार कर अपमानित करते हैं, और हमें बर्बाद करने की साजिश रचते हैं. ऐसे लोग कभी सफल नहीं हो सकते."
प्रशान्त किशोर जब 25 दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश से मिले थे तो नीतीश ने सलाह दी थी कि वो किसी के बयान पर ध्यान न दें. यही वजह है कि प्रशान्त ने जेडीयू के किसी नेता को जवाब नहीं दिया लेकिन बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम सुशील मोदी को लपेटे में ले लिया. उन्होंने सुशील मोदी की एक पुरानी वीडियो शेयर कर उन पर निशाना साधा जिनमें वह नीतीश कुमार की बुराई करते दिखाई दे रहे हैं.
अभी आम आदमी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर इन दिनों आम आदमी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और पार्टी को दिल्ली में जीत दिलाने पर ही उनका फोकस है, क्योंकि दिल्ली की जीत या हार उनके करियर का एक अहम मोड़ होगी. ऐसा माना जा रहा है कि इस जीत या हार से प्रशांत किशोर की आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय होगी.
वहीं जेडीयू चीफ नीतीश कुमार भी प्रशांत किशोर के बारे में अभी कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. उन्हें भी पता है कि दिल्ली चुनाव में जीत हार के बाद ही बिहार के विधान सभा चुनाव का बिगुल बजेगा. फिलहाल प्रशांत किशोर अपनी रणनीति के तहत अरविंद केजरीवाल के लिए खुलकर काम कर रहे हैं लेकिन बिहार चुनाव के बाद उन्हें बीजेपी-जेडीयू गठबंधन का साथ देना होगा या फिर उन्हें अलग राह चुननी होगी.
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