पटना: जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर बड़ा बयान दिया है. पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि एनडीए में प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर बहस नहीं चल रही और चलनी भी नहीं चाहिए. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं और आगे भी वही रहेंगे. नीतीश कुमार का बड़ा कद है, एनडीए को साथ रखने में उनकी बड़ी भूमिका हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जो आदमी बिहार जैसे स्टेट का लंबे समय तक चीफ मिनिस्टर रहा है, उसका भविष्य अच्छा ही होगा. बिहार के जनता का आशीर्वाद और प्रेम उनपर बना रहा तो मुझे लगता है कि नीतीश कुमार का भविष्य अभी से और बेहतर होगा.


क्या आने वाले समय में आप मुख्यमंत्री बनेंगे?


क्या आप आने वाले समय में बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, इसका जवाब देते हुए पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने बहुत ठीक से बताया कि लोकतंत्र में किसी को कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए. यह तो जनता और पार्टी तय करेगी. राजनीति में मैं तो दो महीने पहले आया हूं, मुझे पार्टी में नंबर दो या तीन बताना गलत है.


क्या आपको जेडीयू ज्वाइन कराने के लिए अमित शाह ने फोन किया?


वहीं अमित शाह के फोन करने वाले सवाल को लेकर पीके ने कहा कि पहले जब मैंने नीतीश कुमार के लिए 2015 के चुनाव में काम किया था जब वह बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे थे. जब मैं पार्टी ज्वाइन कर रहा था तो मेरा और नीतीश कुमार दोनों का मानना था कि जेडीयू में शामिल होने को लेकर बीजेपी की भी सहमति होनी चाहिए. नीतीश कुमार ने अमित शाह के कहने पर जेडीयू में लिया, यह बात नहीं है. नीतीश कुमार के कहने का मतलब था कि मेरे जेडीयू ज्वाइन करने में बीजेपी की भी सहमति थी.


आखिर जेडीयू को ही क्यों चुना?


आखिर जेडीयू ही क्यों, इस पर पीके ने कहा कि मैं बिहार से हूं. यहां से जुड़ा रहना चाहता हूं और बिहार के लिए कुछ करना चाहता हूं. इसलिए मैंने बिहार को अपना फील्ड चुना. मैंने अपने लिए गोल सेट किया है वो ये कि जेडीयू को सबसे बेहतर स्थिति में पहुंचना. 2009-10 में जेडीयू के पास करीब 120 से ज्यादा विधायक थे और 20-22 सांसद थे. मेरा गोल वही है कि पार्टी को वहां तक पहुंचाया जाए.


पहले 25 लेकिन इस बार 17 सीटों पर लड़ेगी जेडीयू

प्रशांत किशोर ने कहा कि NDA में हम लोग सीटों पर लड़ने की संख्या में तीसरे या चौथे सबसे बड़े दल हैं. कितनी सीटें हम लोग जीतते हैं उसका बड़ा असर होगा. जो नई लोकसभा बनेगी हम लोग समझते हैं जेडीयू की अहम भूमिका होगी. हमलोग पांच-सात कम सीटों लड़ रहे हैं इसलिए जेडीयू पर प्रेशर इंटर्नली है.