जेडीयू में शामिल हुए 'इलेक्शन गुरू' प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार की मौजूदगी में ग्रहण की सदस्यता
जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर को बिहार में पार्टी और सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने उनसे किनारा कर लिया था.
पटना:'बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है' के नारे के साथ नीतीश कुमार को बिहार के मुखिया की कुर्सी दिलाने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल हो गए. पटना में नीतीश कुमार की मौजूदगी में प्रशांत किशोर ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर को बिहार में पार्टी और सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने के बाद प्रशांत किशोर ने उनसे किनारा कर लिया था.
Election strategist Prashant Kishor joins JDU in the presence of Bihar Chief Minister Nitish Kumar in Patna pic.twitter.com/UAkF3df2ee
— ANI (@ANI) September 16, 2018
खबरों की माने तो नीतिश कुमार प्रशांत किशोर को नंबर दो की पोजीशन देने का मन बना चुके हैं. प्रशांत किशोर पार्टी और सरकार के बीच पुल का काम करेंगे. आने वाले समय में प्रशांत किशोर के चुनाव लड़ने की भी खबरें हैं. प्रशांत किशोर को बीजेपी और कांग्रेस दोनों का करीबी माना जाता है. ऐसे में जेडीयू से राजनीतिक पारी के शुरुआत की खबर से उन्होंने सभी को थोड़ा सा हैरान जरूर किया है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर अपने फैसले की जानकारी दी.
Excited to start my new journey from Bihar!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) September 16, 2018
जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसे निभाऊंगा: प्रशांत किशोर जेडीयू ज्वाइन करने के फैसले के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि यह ऑफर काफी पहले से था पर अब समय आ गया जब मैंने फैसला लिया. नीतीश कुमार जो भी जिम्मेदारी सौंपेंगे उसे निभाउंगा, चाहे वो सरकार में हो या पार्टी में. दोनों के बीच पुल का भी काम करूंगा.
बीजेपी और कांग्रेस में मची 'खलबली' बीजेपी के साथ सीट बंटवारे को लेकर प्रशान्त ने कहा कि एक सप्ताह से दस दिन के अंदर सीटों का फैसला हो जाएगा. इतना तय है कि जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में ही रहेगी. माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर के आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस में खलबली है. जेडीयू की तरफ से प्रशांत किशोर बातचीत करेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि जहां अच्छी डील मिलेगी जेडीयू उसे मानेगा.
पीएम मोदी 48% लोगों की पसंद, 11% के साथ राहुल दूसरे नंबर पर: प्रशांत किशोर का सर्वे हाल ही में प्रशांत किशोर की संस्था इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा सर्वे किया था. आंकड़ों की बात करें तो पीएम मोदी 48 प्रतिशत लोगों की पसंद बने हैं, दूसरे नंबर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं जो 11 प्रतिशत लोगों की पसंद है. राहुल से मोदी 400% से भी ज्यादा की बढ़त लिए हुए हैं. मोदी का मुकाबला करने निकले बाकी सिंगल डिजीट में ही नहीं बल्कि 3-4-5 प्रतिशत में हैं. सर्वे के नतीजे राजनीतिक हैं लेकिन इसके बाद बीजेपी को कांग्रेस पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है.
बैठक से पहले बोले RCP सिंह- कोई छोटा या बड़ा भाई नहीं बैठक से पहले जेडीयू के बड़े नेता आरसीपी सिंह ने ये कहकर सियासी खलबली मचा दी है कि बिहार में कोई बड़ा और कोई छोटा भाई नहीं है. आरसीपी सिंह का ये बयान इस मायने में काफी अहम हो जाता है क्योंकि बीजेपी खुद को बड़ा भाई मानते हुए लोकसभा की ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है. जबकि जेडीयू पुराने रिश्तों की दुहाई देकर ज्यादा सीटों की मांग कर रही है. बिहार में लोकसभा की 40 सीट है, बीजेपी के पास अभी 22 सांसद हैं. चर्चा है कि जेडीयू 12 से 15 सीटों पर लड़ सकती है, ऐसे में बीजेपी को अपनी कुछ सीटें जेडीयू को देनी होगी.
कौन हैं प्रशांत किशोर? प्रशांत किशोर बड़े चुनावी रणनीतिकार हैं, बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू के लिए काम कर चुके हैं. 8 साल संयुक्त राष्ट्र में हेल्थ एक्सपर्ट रह चुके प्रशांत किशोर को पीके नाम से भी जाना जाता है. जंग का मैदान कितना भी बड़ा हो प्रशांत किशोर हमेशा पर्दे के पीछे से रहकर ही भूमिका निभाई है. 2012 में पहली बार गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी के लिए रणनीति बनाई.
2013 में सिटीजन फॉर अकाउंटबेल गवर्नेंस नाम की संस्था बनाई. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने में अहम भूमिका निभाई. सोशल मीडिया कैंपन, चाय पर चर्चा, 3 डी प्रचार, रन पर यूनिटी से मोदी की मदद की.
2015 में जेडीयू के साथ आए, बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की मदद की. 2016 में नीतीश कुमार ने बिहार विकास मिशन का अध्यक्ष बनाया. 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई. 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की मदद की लेकिन बीजेपी जीत गई.