पटना: जेडीयू से निष्कासित नेता और पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत भी की. प्रशांत किशोर ने तीन महीने में एक करोड़ सदस्य बनाने का दावा किया. साथ ही कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो मैं बात नहीं करूंगा.


एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा,''नीतीश कुमार झूठ बोल रहे हैं कि अमित शाह के कहने पर मुझे पार्टी में लिया था. नीतीश कुमार से मैंने पूछा था कि अगर अमित शाह के कहने पर मुझे पार्टी में लिया तो क्या उनके कहने पर मुझे पार्टी से निकला गया? सच्चाई यह थी कि अमित शाह से नीतीश जी ने मेरे बारे में पूछा था. उनके और नीतीश कुमार के बीच मतभेद बिहार के विकास को लेकर हुआ था. नीतीश कुमार की 2014 लोक सभा चुनाव की हार के बाद भी जो शान थी वो 2019 में 16 सांसद जीतने के बाद भी नहीं रही. बिहार को कुछ नहीं मिला. नीतीश कुमार का घर मेरा घर है. अगर मेरे साथ आना चाहें तो स्वागत है.''


नीतीश मेरे पितातुल्य- प्रशांत


प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरूआत में प्रशांत किशोर ने कहा, ‘’नीतीश कुमार ने मुझे बेटे की तरह रखा. मैं भी उन्हें पितातुल्य मानता हूं. नीतीश जी ने मुझे जेडीयू से बाहर करने का जो भी निर्णय लिया, वह मुझे स्वीकार है.’’ उन्होंने कहा, ‘’मेरा उनसे कोई विवाद नहीं है. मैं इसपर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. ये उनका अधिकार था, मुझे जेडीयू में रखना चाहते हैं या नहीं. उनके लिए जो आदर पहले था, वह आगे भी रहेगा.’’


गांधी-गोडसे साथ-साथ नहीं चल सकते - प्रशांत


प्रशांत किशोर ने कहा, ‘’नीतीश कुमार और मेरे बीच लोकसभा चुनाव से मतभेद थे. ये मतभेद दो मामलों पर थे. पहला विचारधारा को लेकर था. नीतीश और मेरे बीच गांधी, लोहिया और जेपी को लेकर बात होती थी. वह गांधी की बात करते थे, लेकिन नाथुराम गोडसे की विचार धारा के साथ भी थे. गांधी-गोडसे साथ-साथ नहीं चल सकते.’’


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