कानपुर: प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी बने प्रवीन तोगड़िया ने विश्व हिन्दू परिषद से अलग होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद का गठन किया है. अब अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद का विस्तार किए जाने का फैसला किया गया हैजिसकी शुरूआत कानपुर से शुरुआत की जा रही है. कानपुर में अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद् और अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल की सक्रियता दिखने लगी है. बुंदेलखंड के जिलों में भी जल्द ही पदाधिकारियों के नामों की घोषणा होने वाली है. जिलाध्यक्षों को बड़ी संख्या में हिन्दू विचारधारा रखने वाले कार्यकर्ताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी दी जाएगी.
विश्व हिन्दू परिषद् की नीव और संगठन को मजबूत करने में अगर सबसे ज्यादा योगदान रहा तो वो थे अशोक सिंघल और प्रवीन तोगड़िया. अशोक सिंघल के निधन के बाद प्रवीन तोगड़िया ने यह जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाई. 2014 के लोकसभा चुनाव में विश्व हिन्दू परिषद् और बजरंगदल के कार्यकर्ताओं ने दिन रात एक करके केंद्र में बीजेपी की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई थी. राम मंदिर के मुद्दे पर प्रवीन तोगड़िया खुले आम बोलते थे और बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय उनकी अहम भूमिका थी.
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद् का भी एजेंडा हिंदुत्व है संगठन ने हिंदुत्व से कोई समझौता नहीं किया है. संगठन ने यह बात स्पष्ट कर दिया है कि हिंदूवादी कार्यकर्ता और जिलाध्यक्ष ही संगठन में शामिल कियी जाएंगे. राम मंदिर मुद्दा सर्वोपरि होगा. आने वाली 22 जुलाई को बैठक होगी जिसमें प्रान्त के जिलाध्यक्षों ने नामो की घोषणा की जाएगी.
अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रान्त उपाध्यक्ष राम जी बजरंगी के मुताबिक संगठन का तेजी से प्रदेश में विस्तार हो रहा है. बड़ी संख्या में स्वयं सेवक हमारे साथ जुड़ रहे हैं, अभी हमारा पूरा फोकस संगठन को मजबूत करने में है. आगामी 14 अगस्त को अखंड भारत संकल्प दिवस का आयोजन किया जाएगा. जिसमें देश भर के स्वयं सेवक आएंगे, इतनी बड़ी संख्या में यह होंगे कि देखने वालो को हमारी ताकत का एहसास हो जाएगा.