प्रयागराज में इन दिनों तापमान सैंतालीस से अड़तालीस डिग्री का आंकड़ा पार कर जा रहा है. आसमान से बरस रही आग से बचने के लिए लोग घर से बाहर निकलते वक्त आम तौर पर गमछे का इस्तेमाल करते हैं. गमछे से चेहरे और सिर को ढककर ही सड़क पर निकलते हैं. आम तौर पर लोग सफ़ेद गमछों को ही ज़्यादा तरजीह देते थे, लेकिन तेईस मई को नतीजे आने के बाद से बाज़ार में अचानक भगवा गमछों की डिमांड बढ़ गई है.
संगम के शहर प्रयागराज में इन दिनों जो गमछे बाजार में बिक रहे हैं, उनमे भगवा की बिक्री सबसे ज़्यादा है. एक अनुमान के मुताबिक़ प्रयागराज में इन दिनों रोज़ाना तीन से साढ़े तीन हजार गमछों की बिक्री होती है. अनुमान के मुताबिक़ रोज़ाना बिकने वाले तीन से साढ़े तीन हजार गमछों में चालीस से पैंतालीस फीसदी भगवा रंग के गमछे बिकते हैं. इसके बाद तीस से पैंतीस फीसदी सफ़ेद गमछे बिक रहे हैं, जबकि पहले साठ से सत्तर फीसदी लोग सफ़ेद गमछे ही खरीदते थे.
प्रयागराज में इन दिनों केसरिया गमछे सत्तर से साढ़े तीन सौ रूपये की कीमत में बिक रहे हैं. हालांकि ज्यादातर लोग सत्तर से डेढ़ सौ रूपये के बीच के गमछे ही लेते हैं. दुकानों पर भगवा गमछे के अलग स्टाल लगने लगे हैं. भगवा गमछे की बिक्री पिछले पंद्रह दिनों में अचानक बढ़ी है. माना यह जा रहा है कि भगवा गमछों की बिक्री देश में फिर से भगवाधारी पार्टी यानी बीजेपी की सरकार बनने के बाद बढ़ी है.
इस बारे में भगवा गमछा खरीदने वालों से बात की गई तो उन्होंने भी बीजेपी व मोदी को मिली कामयाबी की वजह से ही इसे खरीदने की बात कही. दुकानदारों का भी यही मानना है कि इलेक्शन इफेक्ट ने उनके बिजनेस को बढ़ा दिया है. भगवा गमछों का क्रेज इतना बढ़ गया है कि बाज़ार में उसकी शार्टेज हो गई है और ठीक से सप्लाई नहीं हो पा रही है.