प्रयागराज: योगी राज में यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 68 हजार पांच सौ टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया से विवादों का नाता ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में फर्जीवाड़े के ज़रिये नौकरी से बर्खास्त किये जा चुके 49 अभ्यर्थियों के साथ ही इनकी कॉपियों के नंबर शीट पर नंबर चढ़ाने वाले 38 सरकारी टीचर्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी सत्तासी लोगों के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया है. भर्ती परीक्षा कराने वाली संस्था परीक्षा नियामक प्राधिकारी के रजिस्ट्रार की तहरीर पर प्रयागराज के कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है. पुलिस अफसरों का कहना है कि इस मामले में केस दर्ज किये जाने के बाद जांच शुरू कर दी गई है. जांच के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. हाईकोर्ट में कल इस मामले में सुनवाई भी होनी है.
गौरतलब है कि यूपी की योगी सरकार ने सूबे के प्राइमरी स्कूलों में 68 हजार पांच सौ टीचर्स की भर्ती के लिए प्रक्रिया आयोजित की थी. इसमें बीटीसी डिग्री धारकों व टीईटी क्वालीफाई करने वाले अभ्यर्थियों को ही शामिल होने की छूट थी. इन पदों पर भर्ती के लिए तकरीबन एक लाख चौबीस हजार लोगों ने आवेदन किया था, जबकि लिखित परीक्षा में सिर्फ एक लाख सात हजार अभ्यर्थी ही शामिल हुए. बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती का ज़िम्मा परीक्षा नियामक प्राधिकारी यानी एग्जामिनेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी को दिया गया. पिछले साल 27 मई को लिखित इम्तहान कराया गया जबकि तेरह अगस्त को रिजल्ट जारी किया गया. पहले 41,556 अभ्यर्थियों को चयनित घोषित किया गया. बाद में आरक्षण का हवाला देकर 6009 अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया और 34660 को ही सफल घोषित किया गया. कई अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की तो बाहर किये गए छह हजार लोगों को फिर से शामिल कर लिया गया.
रिजल्ट घोषित होने के बाद तमाम अभ्यर्थियों ने नंबर बेहद कम होने के आरोप लगाए और धांधली की बात कही. मामला फिर हाईकोर्ट गया तो अदालत ने आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को स्कैन कॉपी देने का आदेश दिया. स्कैन कॉपियां सामने आने के बाद धांधली व गड़बड़ी के आरोप सही पाए गए. हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हाईकोर्ट के ही आदेश पर कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन भी कराया गया. इसमें भी यह पाया गया कि हेराफेरी कर 49 फेल अभ्यर्थियों को ज़्यादा नंबर देकर उन्हें पास कर दिया गया. हेराफेरी के ज़रिये नौकरी पाने वाले 49 सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया. मामला फिर हाईकोर्ट में गया तो अदालत ने कॉपियां जांचने व शीट पर नंबर चढ़ाने वाले सरकारी टीचर्स के खिलाफ भी एफआईआर का आदेश दिया. अदालत के इसी आदेश के तहत अब 49 बर्खास्त शिक्षकों व कॉपियां जांचने वाले 38 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
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