प्रयागराज: इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में छात्र को गोली मारकर मौत के घाट उतारे जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने इस मामले में सुओ मोटो यानी स्वतः संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार और प्रयागराज के अफसरों से जवाब तलब कर लिया है.


अदालत ने इस मामले की जांच रिपोर्ट और अब तक की गई कार्रवाई के ब्यौरे के साथ यूपी के चीफ सेक्रेट्री, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेट्री और प्रयागराज के कमिश्नर- डीएम, एसएसपी और घटनास्थल कर्नलगंज के एसएचओ को बाइस अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को भी कहा है. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एस. एम. शमशेरी की डिवीजन बेंच ने सुओ मोटो लेकर की.


अदालत ने यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को भी नोटिस जारी कर उनसे भी कैम्पस और यूनिवर्सिटी के हॉस्टल्स की सुरक्षा पर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रयागराज के एसएसपी अतुल शर्मा को कोर्ट में बुलाकर उन्हें कड़ी फटकार लगाई और ज़िले की कानून व्यवस्था दुरुस्त करने की हिदायत दी. अदालत ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रयागराज में आपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं. ऐसा लगता है अफसरों का कोई अंकुश नहीं रह गया है.


गौरतलब है कि इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र रोहित शुक्ल को कल सुबह यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था. हत्या का आरोप यूनिवर्सिटी के ही तीन छात्रों पर लगा था.


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