प्रयागराज: पीएम मोदी के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती, BSF से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने दाखिल की अर्जी
याचिका में कहा गया है कि वाराणसी के डीएम व रिटर्निंग अफसर ने पीएम मोदी के दबाव में मनमाने तरीके से उनका नामांकन पत्र खारिज किया था. पर्चा खारिज होने की वजह से वह चुनाव नहीं लड़ सके. तेज बहादुर का दावा है कि अगर वह चुनाव मैदान में होते तो फैसला बदल जाता.
प्रयागराज: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से सांसद चुने गए पीएम नरेंद्र मोदी के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. पीएम मोदी के निर्वाचन को उनके खिलाफ पर्चा दाखिल करने वाले बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव ने चुनौती दी है. इसके लिए उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी है.
याचिका में कहा गया है कि वाराणसी के डीएम व रिटर्निंग अफसर ने पीएम मोदी के दबाव में मनमाने तरीके से उनका नामांकन पत्र खारिज किया था. पर्चा खारिज होने की वजह से वह चुनाव नहीं लड़ सके. तेज बहादुर का दावा है कि अगर वह चुनाव मैदान में होते तो फैसला बदल जाता. ऐसे में वाराणसी सीट पर निष्पक्ष चुनाव नहीं हुआ, इसलिए पीएम मोदी के निर्वाचन को रद्द कर वाराणसी सीट पर नये सिरे से चुनाव कराया जाना चाहिए.
तेज बहादुर ने अपनी यह अर्जी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के सामने दाखिल की है. उनकी यह अर्जी अभी मंजूर नहीं हुई है. उम्मीद है कि तेज बहादुर की इस अर्जी पर अदालत अगले हफ्ते सुनवाई कर सकती है. साल 2014 में भी वाराणसी सीट से पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी. उस वक्त तत्कालीन कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय ने चुनाव याचिका दाखिल कर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसे सालों चली सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.
तेज बहादुर की चुनावी अर्जी में अपने नामांकन पत्र को खारिज किये जाने को आधार बनाया गया है. हालांकि चुनाव के दौरान ही तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट से भी दखल देने की गुहार लगाई थी, लेकिन देश की सबसे बड़ी अदालत ने कोई राहत देने के बजाय इस मामले में चुनाव आयोग को फैसला लेने को कहा था.
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