प्रयागराज: संगम के शहर प्रयागराज में कुंभ मेले के कार्यों का लोकार्पण करने के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण ने यूपी की योगी सरकार को मुश्किल में डाल दिया है. दरअसल योगी सरकार ने कुछ महीनों पहले एक जीओ जारी कर अर्द्धकुंभ को कुंभ मेला घोषित कर दिया था, लेकिन रविवार को प्रयागराज में दिए गए भाषण में पीएम योगी ने इस आयोजन को एक- दो नहीं बल्कि आठ बार अर्द्धकुंभ ही कहा. पीएम मोदी के भाषण में आयोजन को बार-बार अर्द्धकुंभ ही कहे जाने के बाद से योगी सरकार जहां पशोपेश में पड़ते हुए बैकफुट पर आ गई है, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसे सियासी मुद्दा बनाते हुए सरकार की घेरेबंदी शुरू कर दी है. विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी का शुक्रिया अदा करते हुए योगी सरकार से माफी मांगने और सरकारी रिकार्ड में कुंभ को फिर से अर्द्धकुंभ किये जाने की नसीहत दी है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इतिहास से खिलवाड़ करना योगी सरकार की आदत में शुमार हो गया है, लेकिन इस बार तो पीएम मोदी ने ही उनके फैसले को बदल दिया है.


दरअसल पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक़ देश के चार शहरों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में हर बारह साल पर कुंभ का मेला लगता है. इसके साथ ही प्रयागराज और हरिद्वार में हर छह साल पर अर्द्धकुंभ का भी आयोजन होता है. धर्म और परम्पराओं के मुताबिक़ संगम के शहर प्रयागराज में अगले साल चौदह जनवरी से अर्द्धकुंभ का मेला लगना है, लेकिन यूपी की योगी सरकार ने करीब साल भर पहले एक जीओ जारी कर प्रयागराज में लगने वाले अर्द्धकुंभ को कुंभ और कुंभ को महाकुंभ का नाम दे दिया था. इस फैसले को लेकर सियासी पार्टियों के साथ ही कुछ साधू-संतों ने भी सवाल उठाए थे. योगी सरकार ने कुंभ के नाम से ही आयोजन का लोगो जारी कर समूची दुनिया में इसकी ब्रांडिंग की है. इसी के तहत पीएम मोदी के प्रयागराज आगमन से ठीक एक दिन पहले दुनिया के बहत्तर देशों के राजनयिकों को संगम लाकर उन्हें कुंभ की तैयारियों से रूबरू कराया गया था.

रविवार को पीएम नरेन्द्र मोदी ने संगम पर पूजा- अर्चना के बाद तकरीबन चार हजार करोड़ रूपये की जिन योजनाओं का लोकार्पण करते हुए जनसभा को संबोधित किया, उसमें उन्होंने हर बार कुंभ नहीं बल्कि अर्द्धकुंभ शब्द का प्रयोग किया. पीएम मोदी ने एक-दो नहीं बल्कि आठ-आठ बार आयोजन को अर्द्धकुंभ .पीएम मोदी ने अपने भाषण में बार-बार आयोजन को अर्द्धकुंभ बोलकर यह साफ़ कर दिया कि वह और उनकी सरकार योगी सरकार के फैसले से न तो खुश है और न ही सहमत.

पीएम मोदी के रुख के बाद से यूपी की योगी सरकार को अब जवाब देते नहीं बन रहा है. इस बारे में योगी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह का कहना है कि कुंभ व अर्द्धकुंभ में कोई फर्क नहीं है और दोनों का भाव एक ही है. उनके मुताबिक़ सरकार के फैसले का ज़्यादातर संतों ने भी स्वागत किया था, इसलिए इस पर विवाद खड़ा करना कतई सही नहीं है. दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर योगी सरकार से माफी मांगने व कुंभ को फिर से अर्द्धकुंभ किये जाने की मांग की है. कांग्रेस नेता बाबा अभय अवस्थी ने योगी सरकार पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए सभी सरकारी रिकार्ड में अर्द्धकुंभ का बदलाव किये जाने की मांग की है तो साथ ही बीएसपी नेता मनोज कुमार तिवारी ने योगी सरकार से माफी मांगने को कहा है.