प्रयागराज. प्रयागराज में पुलिस के बड़ी सफलता मिली है. सरकारी नौकरी में भर्ती के नाम पर पैसे ऐंठने वाले गैंग का पुलिस ने भंड़ाफोड़ किया है. इस गिरोह के सरगना समेत 8 लोग गिरफ्तार किये गये हैं. प्रयागराज और भदोही जिलों से गिरफ्तारियां की गई हैं. पुलिस के इनके पास से साढ़े सात लाख रुपये, दो कार, नियुक्ति पत्र व कई दूसरे दस्तावेज बरामद किये हैं. राहुल सिंह नाम के अभ्यर्थी की शिकायत पर जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की. जानकारी के मुताबिक यूपी में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिये ये गैंग अभ्यर्थियों से पैसे ऐंठ रहा था.


जानकारी के मुताबिक राहुल सिंह ने शिक्षक बनने के लिये साढ़े सात लाख रुपये दिये थे लेकिन सेलेक्शन नहीं हुआ था. पुलिस ने दावा किया है कि ऐसे ही तमाम लोगों से सेलेक्शन के नाम पर पैसे लिये गये. साथ ही पुलिस को ये भी जानकारी मिली है कि ये गैंग परीक्षाओं के पेपर लीक कराता था. फिलहाल पुलिस इस मामले में सबूत जुटा रही है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार लोगों में कॉलेज संचालक और ग्राम प्रधान भी शामल हैं. पुलिस ने जानकारी दी कि दलालों के जरिये अभ्यर्थियों से पैसे लिये जाते थे. इसके अलावा गिरोह के लोग परीक्षा में पास कराने से लेकर काउंसलिंग कराने और मनचाहे जिले में नियुक्ति का ठेका लेते थे.


पुलिस इस मामले में गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिये लगातार छापेमारी कर रही है. आपको बता दें कि ज्यादातर आरोपी प्रयागराज के सोरांव इलाके से गिरफ्तार किये गये हैं. जानकारी ये भी मिली है कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य के कालेज से पेपर आउट कराया गया था. खास जानकारी ये भी निकल कर सामने आई है कि पूर्व जिला पंचायत सदस्य डा. केएल पटेल का नाम मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में भी सामने आया था.


पुलिस की तफ्तीश में कई अन्य भर्तियों में भी ठेके पर नियुक्ति कराए जाने की है आशंका है. गिरोह का खुलासा होने और आठ आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद 69 हज़ार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. पेपर लीक के पुख्ता सबूत मिले तो पूरी परीक्षा रद्द हो सकती है. तीन जून को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती पर रोक लगाई है. गौतरतलब है कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 69 हज़ार शिक्षकों की भर्ती होनी है.