प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों नदियां अब भी उफान पर हैं और लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. हालांकि दोनों नदियां अब बढ़ने के बजाय धीमी रफ़्तार से घटने लगी हैं, लेकिन लोगों की मुसीबत अभी कतई कम नहीं हुई है. प्रयागराज में गंगा और यमुना अब भी खतरे के निशान से तकरीबन सत्तर सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं. कल दोपहर से लेकर आज सुबह तक करीब तीस सेंटीमीटर पानी घटा है.


शहर के तीन दर्जन से ज़्यादा मोहल्ले अब भी जलमग्न हैं. सत्तर से ज़्यादा गांवों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. तमाम रास्ते और सड़कें अब भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. बाढ़ की वजह से सभी स्कूल कालेज और कोचिंग संस्थान अब छब्बीस सितम्बर तक बंद रखे जाने के आदेश दिए गए हैं.


बाढ़ की वजह से अकेले प्रयागराज में पांच लाख से ज़्यादा की आबादी प्रभावित है. यहां अब भी चारों तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. अगर पानी आज भी घटता रहा, तब भी हालात सामान्य होने में करीब हफ्ते भर का वक्त लग जाएगा. यहां पांच हज़ार से ज़्यादा लोग अब भी बाढ़ राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं, जबकि डेढ़ लाख से ज़्यादा लोग घर बार छोड़कर दूसरी जगहों पर रहने को मजबूर हैं.


बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की वजह से सबसे ज़्यादा दिक्कत पितृ पक्ष में देश के कोने कोने से संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है.


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