नैनी सेंट्रल जेल की दीवार पर उकेरी जा रही है कुंभ की संपूर्ण कथा, गिनीज बुक में दर्ज कराने की तैयारी
छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन कर रहे प्रभाकर साहू ने बताया कि यह कलाकृतियां वाटर प्रूफ पेंट से बनाई जा रही है. पेंट बनाने वाली कंपनी ने इस पेंट पर पांच साल की गारंटी दी है. यानी पांच साल यह पेंटिंग जस की तस बनी रहेगी. इस परियोजना पर चार क्विंटल प्रीमियर, चार क्विंटल व्हाइट कलर और चार क्विंटल अन्य कलर का उपयोग हो रहा है.
प्रयागराज: अगले महीने प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ मेले में देश विदेश से आने वाले लोगों के मन में प्रयागराज की अमिट छाप छोड़ने के लिए ‘पेंट माई सिटी’ परियोजना के तहत यमुना पार नैनी सेंट्रल जेल की दीवार पर कुंभ की संपूर्ण कथा उकेरी जा रही है और इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी है.
दरअसल इस दीवार को गिनीज बुक में दर्ज कराने के लिए राज्य सरकार को जेल के मुख्य द्वार की बाहरी दीवार पर 20,000 वर्ग फुट क्षेत्र को इस परियोजना में शामिल करना होगा जिसका प्रस्ताव शासन के पास भेजा जा चुका है. इस पर मंजूरी मिलने का इंतजार है.
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि शेष बची दीवार पर पेंटिंग का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है, लेकिन इस पर अभी मंजूरी नहीं मिली है.
नैनी सेंट्रल जेल के डीआईजी बी.आर. वर्मा का कहना है कि पूरी उम्मीद है कि सरकार बाकी बची दीवार को ‘पेंट माई सिटी’ परियोजना में शामिल कर लेगी क्योंकि इससे जेल की दीवार गिनीज बुक में दर्ज हो जाएगी. अभी बाहरी दीवार पर 54,000 वर्ग फुट क्षेत्र में पेंटिंग की जा रही है.
नैनी सेंट्रल जेल की दीवार पर पिछले 25 दिनों से पेंटिंग का कार्य इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बीएफए के विद्यार्थी कर रहे हैं और इन विद्यार्थियों की तीन टीमों में आठ छात्राएं भी शामिल हैं. इन छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन कर रहे सत्यचिता नंद ने बताया कि जेल की दीवार पर की जा रही पेंटिंग में सुर संग्राम से लेकर देवों की विष्णु से वार्ता, समुद्र मंथन, उसमें से निकली वस्तुएं, भगवान शंकर द्वारा विष पान सहित कुल 22 तस्वीरों को उकेरा जा रहा है.
सत्यचिता नंद ने कहा, यदि सरकार ने बाकी बची दीवार के लिए भी मंजूरी प्रदान की तो हमारी योजना उस दीवार पर उन शहरों की चित्रकारी करने की है जहां कुंभ मेले का आयोजन होता है।. इनमें हरिद्वार, नासिक, उज्जैन और प्रयागराज शामिल हैं.
छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन कर रहे प्रभाकर साहू ने बताया कि यह कलाकृतियां वाटर प्रूफ पेंट से बनाई जा रही है. पेंट बनाने वाली कंपनी ने इस पेंट पर पांच साल की गारंटी दी है. यानी पांच साल यह पेंटिंग जस की तस बनी रहेगी. इस परियोजना पर चार क्विंटल प्रीमियर, चार क्विंटल व्हाइट कलर और चार क्विंटल अन्य कलर का उपयोग हो रहा है.