प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में एक ट्यूशन टीचर द्वारा अपनी स्टूडेंट का यौन शोषण किये जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरोप है कि ट्यूशन टीचर ने इस छात्रा का यौन उत्पीड़न तब से शुरू किया था, जब वह महज़ बारह साल की थी. करीब छह साल बाद छात्रा ने अपने उत्पीड़न की बात सोशल मीडिया पर सार्वजनिक की तो हड़कंप मच गया. परिवार वालों को भी सोशल मीडिया से ही बेटी के शोषण की जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी. आरोपी ट्यूशन टीचर अब सलाखों के पीछे है और उसने कई दूसरी छात्राओं के भी उत्पीड़न की बात कबूली है.


वह पेशे से ट्यूशन टीचर था. कान्वेंट स्कूलों में पढ़ाई कर रही लड़कियों को पढ़ाने उनके घर जाता था. ज़्यादातर छात्राएं उसकी बेटी की उम्र की होती थीं, लेकिन वह उन्हें बहन बना लेता था. सबके सामने राखी बंधवाता था. घर वालों के सामने छात्राओं की ऐसी इमेज बनाता था, मानो वह पढ़ने में एकदम नाकारा हैं. बाद में वह बेटियों की उम्र की बच्चियों को डरा -धमकाकर उनका उत्पीड़न करता था. एक बार बच्ची के उत्पीड़न के बाद वह उन्हें परिवार व समाज के सामने ब्लैकमेल करने की धमकी देकर उन्हें मुंह बंद रखने पर मजबूर करता था.


शहर के नामी कान्वेंट स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा का उत्पीड़न उसने छह साल पहले शुरू किया था और तकरीबन दो साल तक उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. बाद में परिवार वालों ने उसे हटा दिया, लेकिन उसने इसके बावजूद ब्लैकमेल कर छात्रा का उत्पीड़न किया. छात्रा अब अठारह साल की हो चुकी है. उसने पहले कभी अपने माता पिता या किसी दूसरे को उत्पीड़न की बात नहीं बताई थी. पिछले हफ्ते छात्रा ने अपनी आपबीती सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दी और अपने ट्यूशन टीचर सुनील दुआ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.


परिवार वालों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने बेटी के इस साहस की हौसला अफजाई की और अंग्रेजी में लिखी उसकी चिट्ठी को अनुवाद के साथ अपने फेसबुक व इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया. परिवार वालों ने इस मामले में प्रयागराज के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करा दी. पुलिस ने आरोपी ट्यूशन टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.


ट्यूशन टीचर से हुई पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिलीं. पुलिस को पता चला कि सुनील दुआ ने इस छात्रा के अलावा कई दूसरी लड़कियों को भी अपना शिकार बनाया था. वह लड़कियों और उनके परिवार वालों में आपस में झगड़ा लगवाकर उनके बीच मनमुटाव पैदा करता था, ताकि लडकियां कभी परिवार वालों से शिकायत करें तो वह उस पर यकीन न कर सकें.


वह खुद पचास साल का है और जिन लड़कियों को पढ़ाता था, उनकी उम्र बारह से अठारह -उन्नीस साल होती थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन वह आरोपी ट्यूशन टीचर को अब रिमांड पर लेना चाहती है. पुलिस को आशंका है कि अगर रिमांड पर लेकर उससे सख्ती से पूछताछ की जाएगी तो गिरफ्तार आरोपी सीरियल रेपिस्ट निकल सकता है.


इस मामले में छात्रा और उसके परिवार वालों ने समाज में बदनामी व डर की दकियानूसी सोच को दरकिनार कर सामने आने, सोशल मीडिया पर पूरी आपबीती वायरल करने और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की जो हिम्मत दिखाई, वह सच में काबिले तारीफ़ है. छात्रा का यह कदम दूसरी लड़कियों के साथ ही उनके परिवार वालों समेत समूचे समाज के लिए एक सीख है.