भोपाल: जैन-गुजराती समाज का फरमान, प्री-वेडिंग शूट और कोरियोग्राफी पर लगाया बैन
भोपाल में गुजराती, सिंधी और जैन समाज संगठनों ने मिलकर प्री-वेडिंग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही कहा है कि अब बारात में महिलाएं डांस नहीं करेंगी.
नई दिल्ली: भोपाल के जैन और गुजराती समाज की पंचायत ने शादी से पहले प्री वेडिंग शूट और लेडीज संगीत कार्यक्रमों में कोरियोग्राफर बुलाकर डांस सीखने सिखाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इस तरह का बैन लगाने के पीछे दोनों समाज का तर्क है कि ये हमारी संस्कृति के खिलाफ है. इसकी वजह से समाज में कई तरह की समस्या हो रही है.
गुजराती समाज कार्यकारिणी द्वारा निर्णय लिया कि भोपाल की शादियों में प्री-वेडिंग शूट और कोरियोग्राफी नहीं होगी. भोपाल गुजरात समाज के अध्यक्ष व गुजराती समाज के राष्ट्रीय महामंत्री संजय पटेल ने कहा कि गुजराती समाज कार्यकारिणी द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि जो प्री-वेडिंग शूट कराए जा रहे हैं उस पर रोक लगनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जो महिला संगीत के नाम पर कोरियोग्राफर की एंट्री हो रही है उसको भी रोकने के लिए हम समाज के सदस्यों से निवेदन करेंगे. इस निर्णय को सराहा गया है जो नहीं मानेगा उनको समाज से अलग-थलग करके बहिष्कार किया जाएगा.
राजधानी भोपाल के जैन समाज पंचायत ने इसकी शुरुआत करते हुए प्री-वेडिंग, कोटरियोग्राफी और बारात में महिलाओं के डांस करने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु जैन का कहना है कि उनके गुरुओ ने इस पर आपत्ति ली थी और इसे अश्लील बताते हुए रोक लगाने की सलाह दी थी.जिसपर अमल करते हुए रोक लगाने का फैसला समाज की पंचायत ने लिया है. अब जैन समाज की किसी शादी में न तो प्री-वेडिंग शूट होगा और न शादी में कोई परिवार किसी बाहरी शख्स को डांस सिखाने के लिए बुलाएगा, और ना ही बारातों में महिलाएं डांस करेंगी. ये फैसला समाज के सभी लोगों के लिए है.
वहीं सिंधी पंचायत के अध्यक्ष और रिटायर्ड आईएएस भगवान देव ने कहा कि प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव हमने भी तैयार कर लिया है जिसे अगली पंचायत की बैठक में रखा जाएगा. कई बार ये देखा गया है कि प्री-वेडिंग शूट के बाद शादी टूट जाती है और समाज में पूरे परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है.पंचायतों ने भले ही ये फैसला सुना दिया हो लेकिन युवा इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. युवा लड़कियों का कहना है कि उनकी आजादी है कि वो अपनी शादी में क्या चाहते हैं. प्रतिबंध लगाना गलत है. अगर प्रतिबंध लगाना ही है तो दहेज लेने और मांगने पर लगाना चाहिए. इस तरह के फरमान से देश आगे बढ़ने की बजाए पीछे जाएगा.