लखनऊ: यूपी सरकार राज्य में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू करने की योजना पर विचार कर रही है. यूपी कैबिनेट की बैठक आज सुबह 9.30 बजे होगी, जिसमें राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू करने का प्रस्ताव लाया जा सकता है.अबतक प्रत्येक मंगलवार कैबिनेट को बैठक होती थी लेकिन मंगलवार को मकर संक्रांति को लेकर सोमवार को कैबिनेट बैठक होगी. लखनऊ और नोएडा में पुलिस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आज आने वाला प्रस्ताव बेहद महत्वपूर्ण है.
लखनऊ और नोएडा में अबतक पुलिस का ज़िले का मुखिया एसएसपी होता था. लेकिन हाल के दिनों में जैसे पुलिस व्यवस्था की कमियां सामने आईं, उसको देखते हुए अब दोनों ज़िलों में एडीजी रैंक के अधिकारी को ज़िले की कमान कमिश्नर बनाकर दी जाएगी. यह प्रणाली लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा के ज़िलाधिकारियों की ज़िम्मेदारी राजस्व की रह जायेगी. वहीं कानून व्यवस्था की सारी ज़िम्मेदारी पुलिस कमिश्नर की हो जाएगी.
लखनऊ व नोएडा में हालांकि एसएसपी के पद खाली हैं और कैबिनेट की बैठक होनी है. ऐसे में यह भी संभावना है कि सरकार बाई सर्कुलेशन पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकती है.
पुलिस कमिश्नर को मिलती है मजिस्ट्रेट की पॉवर
· भारतीय पुलिस अधिनियम 1861 के भाग 4 के अंतर्गत जिलाधिकारी यानी डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट के पास पुलिस पर नियत्रंण के अधिकार भी होते हैं.
· इस पद पर आसीन अधिकारी IAS होता है.
· लेकिन पुलिस कमिश्नरी सिस्टम लागू हो जाने के बाद ये अधिकार पुलिस अफसर को मिल जाते हैं, जो एक IPS होता है.
· यानी जिले की बागडोर संभालने वाले डीएम के बहुत से अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास चले जाते हैं.
· सबसे बड़ी समस्या यही है कि इससे IAS और IPS के बीच तकरार बढ़ेगी.
देश में पुलिस कमिश्नर
· देश के 15 राज्यों में पुलिस कमिश्नर हैं.
· इन 15 राज्यों के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर की तैनाती है.
· इनमें यूपी और बिहार जैसे राज्य शामिल नहीं हैं.
· यूपी जनसंख्या के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य है.
आइडिया कहां से आया
· वैसे तो देश के कई शहरों में पुलिस कमिश्नर हैं.
· दिसंबर 2018 में यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने ये आइडिया योगी सरकार को दिया था.
· राम नाईक ने सुझाव दिया कि 20 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पुलिस कमिश्नर तैनात किए.
· नाईक ने कानपुर, गाजियाबाद और लखनऊ में ट्रायल बेसिस पर कमिश्नर सिस्टम लाने का सुझाव दिया.
किन बातों पर चर्चा
· अलग-अलग शहरों में पुलिस कमिश्नर के पास अलग-अलग पावर है.
· जैसे मुंबई में शस्त्र लाइसेंस और आबकारी की दुकानों के लाइसेंस जारी करने का अधिकार पुलिस कमिश्नर को ही दिया गया है.
· जबकि गुड़गांव में पुलिस को यह अधिकार नहीं है.
· देश में अलग-अलग शहरों में अलग-अलग रैंक के अधिकारी कमिश्नर बनाए जाते हैं.
· यूपी में भी तय होना है कि एडीजी या आइजी स्तर के अधिकारी की तैनाती होगी.
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