लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तर प्रदेश सरकार की एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना को राज्य की उन्नति के लिये बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि इस सूबे के विकास के बिना हिन्दुस्तान की तरक्की की कल्पना नहीं की जा सकती.

राष्ट्रपति ने ओडीओपी सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश प्रतिभा और संसाधनों से भरा प्रदेश है. इसमें विकास की सभी स्थितियां और उपकरण मौजूद हैं. बस, उन्हें तराशने की जरूरत है. इस दिशा में राज्य सरकार के प्रयास सराहनीय हैं.

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हस्तकौशल से समृद्ध है और यहां ताजमहल, सारनाथ जैसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तथा विश्व का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. यह राज्य 10 खरब डालर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता रखता है. मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश के विकास के बिना भारत के विकास की कल्पना करना सही मायने में अच्छा नहीं है. जब उत्तर प्रदेश विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा.

कोविंद ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा,"अटल जी उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश कहते थे. उनका कहना था कि यूपी की खोज करने की जरूरत है, जो ऐसा कर लेगा, उसे पता लगेगा कि यह कितना समृद्धशाली प्रदेश है."

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राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा लोग कुटीर, लघु एवं मंझोले उद्योगों (एमएसएमई) में रोजगार पाते हैं. सबसे अहम बात यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से देश के पिछड़े इलाकों में रोजगार मिलता है. एमएसएमई की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश ही है. देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में इस राज्य का योगदान लगभग 44 प्रतिशत है.



कोविंद ने राज्य सरकार की ओडीओपी योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना एमएसएमई के लिये सहायक हालात पैदा करेगी. इस योजना से स्थानीय कलाओं और कौशल का संवर्द्धन होगा. शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी. इस योजना के तहत पांच साल में 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य है. इससे युवाओं के लिये बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और संतुलित विकास को बल मिलेगा.

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राष्ट्रपति ने देश के कुछ प्रमुख नगरों में उत्तर प्रदेश के प्रमुख उत्पादों की 10-15 दिन की एक प्रदर्शनी आयोजित करने का सुझाव देते हुए कहा कि इसमें मेजबान राज्य के राज्यपाल या मुख्यमंत्री को आमंत्रित करके उत्पादों के प्रति जनता के आकर्षण को बढ़ाया जा सकता है. उन्होंने अगले साल जनवरी में इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले में भी ऐसी प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया.

कोविंद ने उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर देते हुए कहा कि अगर आप अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करेंगे तो उत्पादकों और कारीगरों का उत्साहवर्द्धन होगा. हमें कुछ विकसित देशों से यह बात सीखनी होगी. उन्होंने कहा कि आम तौर पर लोगों में कम परिश्रम के काम और नौकरी की तरफ हमारा झुकाव देखा जाता है, जो सही नहीं है. राष्ट्रपति ने ओडीओपी योजना को कामयाब बनाने के लिये उपस्थित लोगों से भी योगदान करने का आह्वान किया.