भोपालः देश में 50 पैसे का सिक्का बंद हुए लंबा वक्त बीत गया, लेकिन आज भी मध्य प्रदेश के मंदसौर की मंडी में किसानों का प्याज 50 पैसे प्रति किलो यानी 50 रुपए क्विंटल बिक रहा है. प्याज की कम कीमत मिलने के कारण किसानों को उनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. प्याज की सही कीमत न मिलने से किसानों में काफी नाराजगी दिख रही है. किसानों का कहना है कि जो प्याज हम लोगों से 50 पैसे प्रति किलो खरीदा जा रहा है वही प्याज बाजार में 6 से 8 रुपए प्रति किलो भी बिक रहा है.


किसानों का कहना है कि प्याज की खेती में प्रति बीघा करीब 25 से 30 हजार का खर्चा आता है. फिलहाल जिस कीमत पर प्याज बिक रहे हैं उसे देख कर ऐसा लगता है कि हमारी मजदूरी भी वापस नहीं आएगी. मंदसौर कृषि मंडी में कई किसान मिले जिनके प्याज 50 रुपए क्विंटल तो किसी के 70 रुपए क्विंटल के भाव से बिके हैं.


सबूत के तौर पर किसानों ने मंडी की पर्ची भी दिखाई. यहां आने वाले प्याज किसानों की हालत बुरी है मंडी में प्याज लाने के पहले प्याज किसान तीन चार दिनों तक मंडी के बाहर खड़े होते हैं जिसके बाद उनका नंबर आता है और वह मंडी में घुस पाते हैं.


किसानों ने बताया कि तीन चार दिन बाहर पड़े रहने पर भी करीब 2000 रूपये खर्च हो जाता है और ट्रैक्टर का भाड़ा अलग रहता है. किसानों का साफ कहना है कि उनकी मजदूरी तक के पैसे नहीं निकल पा रहे हैं. सरकार क्या कर रही है?


इससे पहले महाराष्ट्र के नासिक के निफाड़ तहसील में किसान संजय साठे ने रविवार को दावा किया था कि उसे इस मौसम में 750 किलो प्याज के लिए महज 1,064 रुपए मिले. प्याज की कीमत को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाते हुए किसान ने 29 नवंबर को 1,064 रुपए प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में भेज दिया था. मामला सामने आने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया और महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट तलब की है.


750 किलो प्याज बेचने से मिले 1064 रुपये, नाराज किसान ने पीएम को भेज दिया पैसा, अब PMO ने मांगी रिपोर्ट