वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का 15वां दौरा किया. यहां देश के पहले अंतर्देशीय जलमार्ग का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज वाराणसी और देश, विकास के उस कार्य का गवाह बना है, जो दशकों पहले हो जाना चाहिए था. प्रधानमंत्री ने देश के पहले कंटेनर कार्गो को हरी झंडी दिखाई. उन्होंने रामनगर में बने देश के पहले मल्टी मॉडल टर्मिनल को राष्ट्र के नाम समर्पित किया. साथ ही 10 परियोजनाओं का लोकार्पण और सात परियोजनाओं का शिलान्यास किया.


वाजिदपुर गांव में आयोजित जनसभा में उन्होंने कहा कि काशी, पूर्वांचल व पूर्वी भारत के साथ-साथ पूरे भारतवर्ष के लिए आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. आज वाराणसी और देश, विकास के उस कार्य का गवाह बना है, जो दशकों पहले हो जाना चाहिए था. वाराणसी और देश, इस बात का गवाह बना है कि संकल्प लेकर जब कार्य समय पर सिद्ध किए जाते हैं, तो उसकी तस्वीर कितनी भव्य और कितनी गौरवमयी होती है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी और देश, इस बात का गवाह बना है कि नेक्स्ट जेनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की अवधारणा तथा कैसे ट्रांसपोर्ट के तौर-तरीकों का कायाकल्प करने जा रही है. उन्होंने कहा कि आज जितनी परियोजनाओं का शिलान्यास लोकार्पण हुआ है, उससे रोजगार भी बढ़ेगा.


मोदी ने कहा, "कुछ देर पहले मैंने नदी मार्ग से पहुंचे देश के पहले कंटेनर वेसेल का स्वागत किया. आज मैं प्रफल्लित हूं कि देश ने जो सपना देखा था वो आज साकार हुआ है. इस कंटेनर वेसेल के चलने का मतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वाचल और पूर्वी भारत जलमार्ग से अब बंगाल की खाड़ी से जुड़ गया है."


उन्होंने कहा, "मैंने आज यहां बाबतपुर हवाईअड्डे से शहर को जोड़ने वाली सड़क, रिंग रोड, कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट, बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने से जुड़ी परियोजना, मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के प्रयासों को बल देने वाली अनेक परियोजनाओं का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया है. यह बदलते बनारस की तस्वीर को और भव्य बनाएंगे. आपको और पूरे पूर्वाचल को बधाई देता हूं."



मोदी ने कहा, "चार साल पहले बनारस और पश्चिम बंगाल के हल्दिया को जलमार्ग से जोड़ने का हमने प्रयास शुरू किया तो नकारात्मक बातें हुई थीं, मजाक उड़ाया गया. मगर जहाज के आने के साथ ही सबको जवाब मिल गया. इस जलमार्ग से समय और पैसा बचेगा. साथ ही सड़क पर भीड़ भी कम होगी. यही नहीं, ईंधन का खर्च भी कम होगा और गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण से भी राहत मिलेगी."


प्रधानमंत्री ने कहा कि 800 करोड़ रुपये की लागत से बाबतपुर एयरपोर्ट को शहर से जोड़ने वाली सड़क न सिर्फ चौड़ी हो गई है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करने लगी है. इस सड़क से काशीवासियों का, पर्यटकों का समय तो बचेगा ही, जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ तक की यात्रा भी सुगम हो जाएगी.


उन्होंने कहा, "बीते चार वर्षो में कितनी तेजी के साथ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है, वह अब स्पष्ट दिखता है. आज देश के दुर्गम स्थानों पर नए एयरपोर्ट बन रहे हैं. नॉर्थईस्ट के दूर-दराज के क्षेत्रों में पहली बार ट्रेन पहुंच रही है. ग्रामीण सड़कों और शानदार हाईवे का जाल बिछ गया है. ये हमारी सरकार की पहचान बन चुका है."


मोदी ने आगे कहा, "उत्तराखंड में मैं माता भगीरथी की पूजा करके धन्य हुआ, तो आज यहां अब से कुछ देर पहले मां गंगा के दर्शन भी किए. आपको बता दूं कि नमामि गंगे मिशन के तहत अब तक 23 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है. गंगा के किनारे के करीब-करीब सारे गांव अब खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. ये प्रोजेक्ट्स गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा को अविरल, निर्मल बनाने के हमारे संकल्प का हिस्सा हैं."


उन्होंने वाराणसी में कुल (2412.93 करोड़) 2301 करोड़ से ज्यादा की बाबतपुर फोरलेन, रिंग रोड, दीनापुर एसटीपी सहित 10 परियोजनाओं का लोकार्पण और करीब 111 करोड़ रुपये से अधिक के 7 परियोजनाओं का शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री के वाराणसी आगमन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया.