लखनऊ: उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट पर 28 मई को उपचुनाव है. साझा विपक्ष के ख़िलाफ़ कैराना से मृगांका सिंह बीजेपी की उम्मीदवार होंगी. उनके पिता हुकुम सिंह की मौत के बाद इस लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. मृगांका ने 2014 में कैराना से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन वे समाजवादी पार्टी के नाहिद हसन से हार गईं. नाहिद की मां तबस्सुम हसन इस बार आरएलडी की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. पिछले हफ़्ते तक वे समाजवादी पार्टी में थीं. लेकिन अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की मीटिंग के बाद तबस्सुम को आरएलडी से लड़ाने का फ़ैसला हुआ. वे 2009 में बीएसपी की टिकट पर कैराना से लोकसभा का चुनाव जीत चुकी हैं. तबस्सुम के पति मुनव्वर हसन भी कैराना के सांसद रह चुके हैं. 2008 में सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई थी. वे बुधवार को नामांकन का पर्चा भरेंगी.
कैराना में कुल 16 लाख वोटर हैं
समाजवादी पार्टी की नेता तबस्सुम हसन को आरएलडी से लड़ाने का आइडिया अखिलेश यादव का है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष इस फ़ार्मूले से जाट और मुस्लिम वोट को साथ रखना चाहते हैं. जाट वोटर आरएलडी के साथ माने जाते हैं. जबकि मुसलमान वोटर का समर्थन एसपी को मिलता रहा है. लेकिन मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद दोनों के बीच दूरियां बढ़ गईं. कैराना में 16 लाख वोटर हैं. जिनमें 5 लाख मुस्लिम हैं और 2 लाख जाट हैं. पिछड़ी जातियों के वोटर की संख्या 4 लाख 50 हज़ार है. बीजेपी की नज़र इसी वोट बैंक पर है. मृगांका गुर्जर जाति की हैं.उनके पिता हुकुम सिंह इस समाज के बड़े नेता थे. बीएसपी ने उपचुनाव न लड़ने का फ़ैसला किया है. कैराना में 2 लाख से अधिक दलित वोटर हैं. लेकिन वो एसपी-आरएलडी उम्मीदवार के साथ है. कांग्रेस ने अब तक अपना रूख साफ़ नहीं किया है.
बिजनौर जिले के नूरपुर में भी विधानसभा का उपचुनाव हो रहा है. बीजेपी एमएलए लोकेंद्र चौहान के सड़क हादसे में मौत के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है. उनकी पत्नी अवनी सिंह को बीजेपी ने टिकट दिया है. उनके ख़िलाफ़ समाजवादी पार्टी के नईमुल हसन चुनावी मैदान में हैं. वे भी बुधवार को ही पर्चा भरेंगे.
फूलपुर और गोरखपुर का चुनाव हारने के बाद कोई चूक नहीं करना चाहती बीजेपी
फूलपुर और गोरखपुर का चुनाव हारने के बाद इस बार बीजेपी कोई चूक नहीं करना चाहती है. समाजवादी पार्टी भी जीत का सिलसिला जारी रखने को बेताब है. बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कैराना में डेरा डाल दिया है. सूत्र बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ भी 5-6 रैलियां कर सकते हैं.