लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वाराणसी में संत रविदास जयंती पर एक कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा, "संत रविदास ने जो सपना देखा था, उसे हमारे संविधान में शामिल किया गया है, लेकिन इसे पूरी तरह लागू किया जाना अभी बाकी है."


प्रियंका गांधी ने कार्यक्रम में कहा, "संत शिरोमणि गुरु रविदास ने एक ऐसे समाज के निर्माण का सपना देखा था, जहां कोई भेदभाव या ऊंच-नीच की भावना नहीं होती. जहां हर व्यक्ति का सम्मान होता है और जहां सबकी रक्षा होती है. उन्होंने कहा, "हमारे संविधान ने भी यही कोशिश की और आज भी इस देश में यही लागू होना चाहिए. आप सबको संत रविदास की शिक्षा को जन-जन तक ले जाने की जरूरत है. खासतौर पर इस दौर में जब समाज के अंदर इतनी हिंसा और नफरत है."


कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा, "इंसान को जात-पात और धर्म में बांटकर नहीं देखना चाहिए बल्कि सिर्फ एक इंसान के रूप में इंसान के अंदर भगवान देखना चाहिए. संत शिरोमणि गुरु रविदास जी महाराज की भी यही सोच थी और यही सोच भारत देश की आत्मा और हमारी नींव है."



प्रियंका गांधी ने ये भी कहा, "संत रविदास कहा कहते थे कि राम और रहीम दोनों की शिक्षा एक ही है. हम सभी एक ही परमेश्वर का हिस्सा हैं. हमें उनकी शिक्षा से सीखना चाहिए. कबीरदास और संत रविदास ने हम सबको अपनी वाणी और सन्देश से हर एक इंसान को बराबर मानने और भाईचारे और मेहनत की इज्जत करने की शिक्षा दी."


इस कार्यक्रम से पहले प्रियंका ने संत रविदास मंदिर में पूजा अर्चना की और लंगर में हिस्सा लिया. बता दें कि 14वीं सदी के संत रविदास का बौद्ध, सिख और हिन्दू धर्मों में खासा आदर है. आध्यात्मिक नगरी वाराणसी में जन्मे रविदास भक्ति आंदोलन से जुड़ी प्रमुख हस्ती थे.