लखनऊ: लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पुलिस द्वारा कथित तौर पर धक्कामुक्की किए जाने के बाद उनके कार्यालय ने शनिवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और सीआरपीएफ महानिदेशालय को लिखित शिकायत दी है. प्रियंका ने एक महिला अधिकारी पर भी धक्का मुक्की करने और गले दबाने जैसे आरोप लगाए हैं.
महिला अधिकारी अर्चना सिंह ने क्या कहा?
यूपी पुलिस की महिला अधिकारी अर्चना सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर प्रियंका गांधी का गला पकड़ना और उन्हें गिराने जैसी कुछ भ्रामक बातें प्रसारित किया जा रहा है, जोकि पूरी तरह गलत और झूठी हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैंने ईमानदारी से अपनी ड्यूटी को निभाया है. उन्होंने आगे कहा कि प्रियंका गांधी का लखनऊ में भ्रमण कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसमें मेरी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी.
एसएसपी कलानिधि नैथानी बोले- सारे आरोप गलत हैं
इस मामले पर लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आरोप पूरी तरह गलत हैं. इस संबंध में सीओ एमसीआर डॉ. अर्चना सिंह ने अपनी रिपोर्ट दी है. सीओ अर्चना सिंह प्रियंका गांधी की फ्लीट की इंचार्ज थीं. अर्चना सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा प्रियंका गांधी पार्टी दफ्तर से गोखले मार्ग के लिए निकली थीं, उनका काफिला तय रास्ते से न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगा. इस पर जब बातचीत की गई तो कोई सही जवाब नहीं मिला.
सीआरपीएफ को दी गई शिकायत में क्या कहा गया?
सीआरपीएफ को दी गई शिकायत में शनिवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रोटोकॉल तोड़े जाने का जिक्र किया गया है. प्रियंका गांधी के कार्यालयीय सहयोगी संदीप सिंह ने सीआरपीएफ के महानिरीक्षक प्रदीप कुमार सिंह के नाम पत्र लिखा है. प्रियंका की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के पास है.
सिंह ने दर्ज कराई शिकायत में लिखा है, "हजरतगंज के सर्किल ऑफिसर अभय मिश्रा पहले से इजाजत लिए बिना सुबह 8.45 बजे उस अहाते में घुस गए, जहां प्रियंका गांधी वाड्रा ठहरी हुई थीं. उन्होंने प्रियंका के कमरे से महज पांच मीटर की दूरी पर सुरक्षा प्रभारी सीआरपीएफ के जवान के साथ बहस की."
प्रियंका के सहयोगी ने लिखा, "वह सीआरपीएफ के जवान पर बरस पड़े और प्रियंका के कार्यक्रमों की सूची मांगी, जबकि सूची शुक्रवार को ही प्रशासन को दे दी गई थी. उन्होंने जानकारी छुपाने का आरोप लगाया और धमकी दी कि वह किसी तरह की सुरक्षा मुहैया नहीं कराएंगे. यहां तक कि इस अहाते से दो कदम भी बाहर जाने की इजाजत नहीं देंगे."
सिंह ने मिश्रा के आचारण को गैर-पेशेवराना, गैर-कानूनी और गलत बताया.
प्रियंका जब सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार पूर्व आईपीएस अधिकारी एस.आर. दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थीं, उस दौरान उनके काफिले को रोका गया.उनके पैदल चलने के दौरान भी उन्हें रोकने की कोशिश की गई और उनके साथ धक्का-मुक्की की गई.
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