लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का सबसे बड़ा दांव, प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया
प्रियंका गांधी अब तक रायबरेली और अमेठी तक ही सीमित थी. वह केवल मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के प्रचार को देख रही थी.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस ने अपना सबसे बड़ा चुनावी दांव चलते प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव बनाने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया है. प्रियंका गांधी को अध्यक्ष के बाद सबसे ताकतवर पद महासचिव से नवाज़ा गया है और इसका सीधा मतलब है कि प्रियंका की राजनीति में औपचारिक एंट्री हो चुकी है, जिसकी मांग कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता लंबे समय से करते रहे हैं.
चुनाव 2019 को लेकर कांग्रेस का इसे सबसे बड़ा राजनीतिक दांव इसलिए माना जा रहा है क्योंकि नेहरू-गांधी परिवार की सदस्य प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की सबसे पूंजी मानी जाती रही हैं जो अब तक सीधे राजनीति से दूर थीं.
प्रियंका गांधी की नियुक्ति के जरिए कांग्रेस ने एक साथ बीजेपी और एसपी-बीएसपी गठबंधन को साधने की कोशिश की है. प्रियंका गांधी अब तक रायबरेली और अमेठी तक ही सीमित थी. वह केवल मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के प्रचार को देख रही थी, लेकिन अब उनका दायरा बढ़ाकर पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में कर दिया गया है.
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गिया है कि प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. वह फरवरी के पहले सप्ताह में प्रभार संभालेंगी. पार्टी ने बताया कि मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है.
INC COMMUNIQUE
Appointment of General Secretaries for All India Congress Committee. pic.twitter.com/zHENwt6Ckh — INC Sandesh (@INCSandesh) January 23, 2019
कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोहरा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि लोगों में बहुत खुशी है प्रियंका गांधी जी को महासचिव बनाया गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा क्षेत्र है. काफी लंबे समय से मांग थी, राहुल गांधी ने बहुत सही समय पर फैसला लिया है. प्रियंका गांधी के आने से बड़ा असर होगा. जहां तक चुनाव लड़ने का सवाल है तो ये निर्णय बाद में लिया जाएगा, अभी सिर्फ हमें चुनाव जीतना है.
प्रियंका गांधी के नाम की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी पहुंचे हैं. ज्यादा संभावना है कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अकेल लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने कांग्रेस को गठबंधन में जगह नहीं दी है.
SP-BSP गठबंधन पर बोले राहुल, ये मायावती-अखिलेश का फैसला, हम यूपी में दम लगाकर लड़ेंगे चुनाव
एसपी-बीएसपी गठबंधन के एलान के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दमखम के साथ चुनाव लड़ेगी. आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की 80 सीटों में से कांग्रेस अमेठी और रायबरेली की मात्र दो सीटें जीत सकी थी.
यूपी: राहुल गांधी मुरादाबाद से करेंगे लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत, होनी हैं कुल 12 रैलियां
पूर्वी उत्तर प्रदेश
पूर्वी उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस क्षेत्र में 21 जिले हैं, जिनमें लोकसभा की 26 और विधानसभा की 130 सीटें हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश खासकर भोजपुरी भाषी बेल्ट है. इस क्षेत्र की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है, अभी तक पांच प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, चंद्रशेखर और नरेंद्र मोदी पूर्वी उत्तर प्रदेश से ही आए हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, वाराणसी और आजमगढ़ जैसी सीटें आती है.