लखनऊ: आखिरकार प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री हो ही गई. उन्हें कांग्रेस महासचिव का पद दिया गया है और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है. प्रियंका गांधी अभी तक अमेठी और रायबरेली में राहुल गांधी और सोनिया गांधी का प्रचार करती रही हैं.


47 साल की प्रियंका गांधी का जन्म 12 जनवरी 1972 में हुआ था. 1997 में उन्होंने राबर्ट वाड्रा से शादी की थी. उनके दो बच्चे हैं. वे अभी तक राजनीति में नहीं आईं थीं हालांकि कांग्रेस के कार्यकर्ता लंबे वक्त से ये मांग करते रहे थे कि उन्हें सक्रिय राजनीति में लाया जाए.


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माना जाता रहा है कि प्रियंका कांग्रेस का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड हैं और उनके आने से कांग्रेस में नई जान पड़ जाएगी. वैसे अभी तक प्रियंका परदे के पीछे रह कर कांग्रेस के लिए रणनीति बनाती रही हैं. माना जाता है कि राहुल और सोनिया उनसे सलाह भी लेते हैं.


प्रियंका गांधी ही नहीं बल्कि राबर्ट वाड्रा और उनके बच्चे भी अमेठी, रायबरेली की सभाओं में नजर आ चुके हैं. दरअसल लोग इंदिरा गांधी की छवि प्रियंका गांधी में देखते रहे हैं और उनसे राजनीति में आने की मांग करते रहे हैं.


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अमेठी में लोग राहुल गांधी को भइया बोलते थे और जब प्रियंका उनके साथ होती थीं तब उन्हें भी 'भइया जी' कहा जाता था. अब भी उन्हें वहां इसी नाम से पुकारा जाता है. 2014 के बाद से प्रियंका की सक्रियता थोड़ा बढ़ी थी और 2016 में उनके बच्चे भी मामा के क्षेत्र में नजर आए थे.


यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश को बेहद खास माना जाता रहा है. पीएम मोदी खुद वाराणसी से सांसद हैं और सीएम योगी का गढ़ गोरखपुर को माना जाता रहा है. ऐसे में अब प्रियंका गांधी के आने से मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा.